हिमाचल की सुनहरी यादों के साथ कोलकाता रवाना हुआ मंडल परिवार

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

कोरोना वायरस को लेकर देश में जारी लॉकडाउन के कारण सुंदरनगर में फंसा हुआ कोलकाता का एक परिवार आखिरकार अपने घर सुनहरी यादें लेकर लौट गया। शनिवार को इस पश्चिम बंगाल के परिवार के घर वापिस लौटते समय आंखों से आंसू छलक पड़े। इस मौके पर परिवार को पिछले 50 दिनों से आसरा दिए हुए बंसल परिवार ने उन्हें स्मृति तौर हिमाचली टोपी और सुंदरनगर का चित्र भी भेंट किया गया। वहीं स्वजल मंडल के परिवार ने घर वापसी के समय जिला व सुंदरनगर प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रशासन के कारण ही उनकी घर वापसी संभव हुई है। उन्होंने अपनी घर वापसी के लिए प्रशासन का धन्यवाद किया है। वहीं परिवार ने सुंदरनगर के बंसल परिवार को भी उन्हें अपने परिवार की तरह आसरा देने पर आभार जताया।

  • आंखों से झमाझम छलके आंसू,ऊना से ट्रेन के माध्यम से पहुंचेंगे हावड़ा

इस 4 सदस्यीय परिवार को एचआरटीसी बस से ऊना और इसके उपरांत ऊना से ट्रेन के माध्यम से उनके घर कोलकाता भेज दिया गया है। बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना कोलकाता के एक परिवार के लिए मुसिबतों का पहाड़ बन कर सामने आया था। इस परिवार को एक रात सुंदरनगर में गुजारनी इतनी भारी पड़ी कि जनता कर्फ्यू के बाद शुरू हुए लॉकडाउन में यह परिवार सुंदरनगर में फंस कर गया। वहीं पैसे के अभाव के कारण इस परिवार को पिछले 50 दिनों से सुंदरनगर के ललितनगर में रहने वाले हेड कांस्टेबल प्रकाश बंसल के परिवार ने अपने घर में शरण दी थी।

  • क्या है मामला

पश्चिम बंगाल के कोलकाता का एक 4 सदस्यीय परिवार हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए 45 हजार रुपए का टूर पेकेज लेकर आया था। शुरुआत में सुंदरनगर के समीप एनएच-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित पुंघ के एक होटल में कमरे में रहा। लेकिन इस परिवार के पास पैसे भी खत्म हो रहे थे। बिलिडिंग कंस्ट्रक्शन का मटीरियल सप्लाई करने वाले कोलकाता निवासी स्वजल मंडल, पत्नी रुपाली मंडल, बेटी फेंटासी मंडल और बेटा आबिर मंडल 16 मार्च को कालका से रेल के माध्यम से शिमला पहुंचे थे। वहां से ये लोग 18 मार्च को मनाली घूमने रवाना हुए। तब तक कोरोना वायरस ने देश में हड़कंप मचा दिया था और लोग वापस जाने के लिए 21 मार्च को टैक्सी करके निकले। टैक्सी चालक द्वारा देर रात उन्हें सुंदरनगर छोड़ दिया गया। परिवार ने सोचा कि सुबह होते ही यहां से निकल जाएंगे,लेकिन 22 मार्च को जनता क‌र्फ्यू और उसके बाद लॉकडाउन की शुरुआत हो गई थी।

  • सुपर साइक्लोन अम्फान ने भी रोके थे घर वापसी के कदम

सुंदरनगर में फंसे हुए कोलकाता के परिवार के घर वापसी को लेकर 20 मई को प्रशासन द्वारा ऊना से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से प्रावधान किया गया था। लेकिन इस बार फिर घर वापसी को लेकर इस परिवार के लिए बंगाल में तबाही मचा चुका चक्रवाती तूफान अम्फान परेशान का सबब बन गया था। प्रशासन द्वारा इन्हें तूूफान के शांत होने के बाद अगली व्यवस्था तक सुंंदरनगर में ही टिके रहने को कहा गया था।

  • सुंदरनगर का बंसल परिवार बना सहारा

इस परिवार द्वारा हिमाचल प्रदेश में बिताए अपने 50 दिनों में सुंदरनगर का बंसल परिवार सहारा बनकर सामने आया। उन्होंने इस परिवार को अपने घर में रहने के लिए कमरा,रसोई और अन्य सुविधा उपलब्ध करवाई गई। पुलिस विभाग बिलासपुर में तैनात हेड कांस्टेबल प्रकाश बंसल का परिवार इस परिवार के लिए इस विकट परिस्थिति में बिना किसी किराए के रहने के लिए सुविधा दी गई।