केंद्रीय बजट में शामिल हो मंडी एयरपोर्ट, वित्त मंत्री के सामने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की पैरवी

उज्जवल हिमाचल। शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि मंडी के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को केद्रीय बजट में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री विज्ञान भवन नई दिल्ली में वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई प्री बजट बैठक में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मंडी जिला में चिन्हित भूमि को ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त पाया है और इसके लिए अंतिम तकनीकी सहमति भी प्रदान कर दी है। उन्होंने प्रस्तावित हवाई अड्डे को राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजना घोषित करने का आग्रह करते हुए कहा कि लेह से समीप होने के कारण इस हवाई अड्डे का सामरिक महत्त्व है।

हवाई अड्डे के निर्माण की अनुमानित लागत 3000 करोड़

हवाई अड्डे के निर्माण की अनुमानित लागत 3000 करोड़ है। प्रदेश में रेल और हवाई संपर्क के साधन बहुत ही सीमित हैं और वर्तमान में शिमला, कुल्लू और कांगड़ा में हवाई पट्टी छोटी होने से वे केवल छोटे जहाजों के संचालन के लिए ही उपयुक्त हैं। ऐसे में मंडी हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश के लिए समय की मांग है। जयराम ठाकुर ने पिछले चार वर्षों के दौरान हिमाचल प्रदेश को 10620 करोड़ रुपए की विभिन्न बाह्य परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य में आधारभूत संरचना के विकास के 400 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण स्वीकृत किया गया है। विशेष सहायता के रूप में 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाए। जयराम ठाकुर ने वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा की सुविधा अगले तीन वर्ष तक जारी रखने का आग्रह किया।

वस्तु एवं सेवाकर मुआवजा सुविधा जारी रखने का किया आग्रह 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय सहायता के रूप में वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा और राजस्व घाटा अनुदान प्राप्त करता है और इसमें वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा केवल जून 2022 तक ही प्रभावी है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य के राजस्व घाटा अनुदान में भी आगामी वर्षों में कमी प्रस्तावित है, जिससे राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पडे़गा। उन्होंने वस्तु एवं सेवाकर मुआवजा सुविधा जारी रखने का आग्रह किया है।

जयराम ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों और पुलों के रखरखाव और मरम्मत के लिए विशेष अनुदान प्रदान करने का भी आग्रह किया। आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ के अंतर्गत उपलब्ध करवाई गई सहायता को अपर्याप्त बताते हुए उन्होंने कहा कि यह निधि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए भी आबंटित की गई थी। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. आरएन बत्ता भी उपस्थित थे।