कृषि क्षेत्र में मंडी के नेक राम शर्मा को मिला पद्मश्री

सभी से जहर मुक्त अनाज उगाने और खाने का किया आग्रह

Mandi's Nek Ram Sharma got Padma Shri in agriculture sector
नौ-अनाज की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित कर रहे हैं नेक राम

उज्जवल हिमाचल। मंडी

केंद्र सरकार की तरफ से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की गई है। 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं। कृषि क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नेक राम शर्मा को भी पद्मश्री से नवाजा जाएगा। करसोग के नांज गांव के नेक राम शर्मा जैविक खेती से जुड़े हैं और नौ-अनाज की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित कर रहे हैं। पद्मश्री के लिए चयनित होने पर नेकराम शर्मा को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हिरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र मंडी की टीम द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि अपनी पारंपरिक खेती के क्षेत्र में ही कार्य किया जिसके लिए उन्हें अब भारत सरकार की ओर से अवार्ड दिया जा रहा है जिसकी उन्हें बेहद खुशी है। उन्होंने बताया कि नौ अनाज एक प्राकृतिक अंतर फसल विधि है जिसमें नौ खाद्यान्न बिना किसी रासायनिक उपयोग के जमीन के एक ही टुकड़े पर उगाए जाते हैं। इससे पानी के उपयोग में 50 फीसदी की कटौती और भूमि की उर्वरता बढ़ती है।

उन्होंने अन्य किसानों को भी इस प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया है साथ ही स्थानीय स्वदेशी बीजों का उत्पादन कर नेकराम छह राज्यों में 10 हजार से अधिक किसानों को बिना किसी शुल्क के वितरित कर रहे हैं। नेकराम शर्मा ने बताया कि आज के समय में खाने में कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग हो रहा है जिससे लोग बीमार होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ रहना है तो हमें जहर मुक्त खेती अपनानी होगी।

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वहीं नेक राम शर्मा ने कहा कि जो किसान आज के समय में खेती को छोड़ रहे हैं यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि हमें अगर स्वस्थ जीवन जीना है और लंबे समय के लिए जीना है तो प्रकृति से जुड़ कर ही यह संभव है। उन्होंने सभी किसानों से ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खेती करने और इससे होने वाली उपज का ही सेवन करने का आह्वान किया है। नेक राम ने कहा कि खेती ही एक ऐसा साधन है जो कि कई पीढ़ियों को रोजगार प्रदान करेगा।

वहीं कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हिरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि प्रगतिशील किसान नेकराम शर्मा को पद्मश्री अवार्ड मिलना हिमाचल प्रदेश सहित मंडी जिला के लिए एक गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा आने वाली पीढ़ियों के लिए पारंपरिक फसलों और उनके बीजों को सहजना परम कर्तव्य है।एचके चौधरी ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा प्राकृतिक खेती और पारंपरिक फसलों के बीजों को सहजने के लिए किसानों को चुनकर एग्रीकल्चर अंबेसडर का चयन कर कार्य किया जा रहा है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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