उज्ज्वल हिमाचल। धर्मशाला
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वयक रॉबिन ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा जिले में भवन निर्माण को अधिक आपदा-रोधी बनाने और सुरक्षित निर्माण तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले के सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियरों, जिनमें हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और जल शक्ति विभाग के जूनियर इंजीनियर और सहायक इंजीनियरों की मदद लेगा, यह इंजीनियर बतौर मास्टर ट्रेनर जिलेभर के राजमिस्त्रयों, बार-बाइंडर और बढ़ई जैसे निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे ताकि सुरक्षित भवन निर्माण की उन्नत तकनीकों को अपनाने में सक्षम हो सकें।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में है तथा आपदा से नुक्सान को कम करने के लिए भवन निर्माण को अधिक सुरक्षित और आपदा प्रतिरोधी बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है इस के लिए डीडीएमए कांगड़ा, राजीव गांधी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, मस्सल के सहयोग से, राजमिस्त्री, चयनित सेवानिवृत्त इंजीनियरों को प्रतिष्ठित सीएसआईआर-सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट , आईआईटी रुड़की में दो सप्ताह का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस प्रशिक्षण में भूकंप-रोधी निर्माण, राजमिस्त्री कार्य में गुणवत्ता नियंत्रण, और आधुनिक सुरक्षित भवन निर्माण तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा और उन्हें जिला स्तरीय संसाधन व्यक्तियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा, ताकि वे अपने ज्ञान को आगे निर्माण में जुटे लोगों तक पहुंचा सकें। इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए, प्रमाणित मास्टर ट्रेनर्स को सरकार द्वारा अनुमोदित दरों के अनुसार मानदेय प्रदान किया जाएगा।
सेवानिवृत्त इंजीनियर इस पहल में भाग लेना चाहते हैं, वे 28 फरवरी, 2025 तक अपना आवेदन डीडीएमए कांगड़ा में जमा कर सकते हैं। इच्छुक उम्मीदवारों को अपने आवेदन में अपने विभाग, सेवा वर्षों, और भवन निर्माण एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित अनुभव का विवरण देना आवश्यक होगा। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डीडीएमए कांगड़ा से संपर्क करें।