हिमाचल की ग्राम पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में लाखों रुपए का हुआ घपला

Misappropriation of lakhs of rupees in the social audit conducted in the Gram Panchayats of Himachal
हिमाचल की ग्राम पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में लाखों रुपए का हुआ घपला

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
हिमाचल प्रदेश की 3,618 ग्राम पंचायतों में से 948 में किए गए सोशल ऑडिट में 38.29 लाख रुपए का घपला सामने आया है। इसमें से 3.09 लाख रुपए की रिकवरी भी हो गई है। प्रदेश में केवल लाहौल-स्पीति ही एक ऐसा जिला है जहां पर मनरेगा में अनियमितता नहीं पाई गई है।

अनियमितताओं के मामले 2,981 विकास कार्यों में पाए गए हैं। 38.29 लाख रुपए में से 22.47 लाख रुपए वित्तीय अनियमितताओं व 15.83 लाख रुपए डेविएशन के हैं या यूं कहें कि एक कंपोनेंट का पैसा दूसरे कंपोनेंट पर खर्च किया गया है। मनरेगा में सोशल ऑडिट के लिए गठित सामाजिक अंकेक्षण इकाई ने संबधित बीडीओ को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 38.29 लाख रुपए यह अनियमितता गत वित्त वर्ष 2022-23 की है।

मनरेगा की अनियमितता में जिला सिरमौर सबसे आगे है। कांगड़ा में 15.20 लाख रुपए की कथित अनियमितता सामने आई है। प्रदेश में सबसे अधिक गड़बड़ी के मामले मस्ट्रोल व बिलों से संबंधित हैं, जो कई पंचायतों के पास मौके पर नहीं मिले। कई ऐसे विकास कार्य हैं, जो मौके पर किए गए हैं और पेमेंट का भुगतान भी किया गया है।

सामाजिक अंकेक्षण इकाई के निदेशक आरजे नेगी ने बताया कि सोशल ऑडिट में प्रदेश की 948 ग्राम पंचायतों में 38.29 लाख रुपए की अनियमितताओं को प्वाइंट आऊट किया गया है। ग्राम सभा की बैठकों में इसे वैरीफाई किया जाएगा। इस बारे में सभी विकास खंड अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकों में सोशल ऑडिट पर चर्चा होगी। इसलिए इस राशि के घटने की उम्मीद है।

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किस जिला में हुई कितनी अनियमितताएं
बिलासपुर जिला की 176 ग्राम पंचायतों में से 49 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 35,023 रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 3,201 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 38,224 रुपए में से 812 रुपए की रिकवरी हुई है।

चम्बा जिला की 309 ग्राम पंचायतों में से 54 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 1.13 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 1.07 लाख रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 2.20 लाख रुपए में से 12,371 रुपए की रिकवरी हुई है।

हमीरपुर जिला की 248 ग्राम पंचायतों में से 80 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 1.20 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 38,018 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 1.58 लाख रुपए में से 45,047 रुपए की रिकवरी हुई है।

कांगड़ा जिला की 815 ग्राम पंचायतों में से 232 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 7.24 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 25,123 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 7.50 लाख रुपए में से 1.15 लाख रुपए की रिकवरी हुई है।

किन्नौर जिला की 73 ग्राम पंचायतों में से 28 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 22,229 रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में 14,704 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 36,933 रुपए में से 22,229 रुपए की रिकवरी हुई है।

कुल्लू जिला की 235 ग्राम पंचायतों में से 69 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 1.04 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में 26,634 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 1.30 लाख रुपए में से 56,524 रुपए की रिकवरी हुई है।

मंडी जिला की 560 ग्राम पंचायतों में से 155 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 2.65 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में 3.31 लाख रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 5.96 लाख रुपए में से 32,510 रुपए की रिकवरी हुई है।

शिमला जिला की 413 ग्राम पंचायतों में से 80 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 28,646 रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में 2.92 लाख रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 3.13 लाख रुपए में से 14,007 रुपए की रिकवरी हुई है।

सिरमौर जिला की 259 ग्राम पंचायतों में से 65 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 7.90 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है जबकि डेविएशन में 7.30 लाख रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 15.20 लाख रुपए में से फिलहाल कोई रिकवरी नहीं हुई है।

सोलन जिला की 240 ग्राम पंचायतों में से 65 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 33,518 रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 903 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 34,421 लाख रुपए में से 812 रुपए की रिकवरी हुई है।
ऊना जिला की 246 ग्राम पंचायतों में से 48 पंचायतों में किए गए सोशल ऑडिट में 11,504 रुपए की वित्तीय अनियमितता सामने आई है, जबकि डेविएशन में 13,163 रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है। करीब 24,667 रुपए में से 9,947 रुपए की रिकवरी हुई है।

संवाददाताः ब्यूरो डेस्क

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