ढुगियारी-बीरता-नंदेहड़ सहित कांगड़ा में 12 बड़ी कूहलें बहाल : काजल

मेरी राजनीति सबसे लिए एकसमान, जनता मेरा परिवार

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

“साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाए तो मिलकर बोझ उठाना।’ इस सदाबहार नगम के हर अक्षर का अर्थ साकार करते हुए कांगड़ा सदर विधानसभा क्षेत्र के किसानों और विधायक पवन काजल ने पूरे प्रदेश के लिए मिसाल कायम कर दी है। कांगड़ा के मेहनतकश किसानों ने विधायक पवन काजल से ऐसा तालमेल बनाया कि अपने दम पर सारी कूहलों को चला लिया है। बरसात में बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त हुई मनूणी और मांझी खड्ड से निकलने वाली 12 बड़ी कूहलों को पवन काजल ने अपनी मशीन लगाकर तथा किसानों के सहयोग से बहाल कर दिया है।

विधायक पवन काजल ने कूहलोंं की बहाली के आंकड़े रखे। काजल ने बताया कि इसमें विधायक प्राथमिकता के अलावा उन्होंने अपनी निजी जेसीबी व अन्य मशीनों से इन कूहलों को बहाल किया है। इस दौरान मांझी खड्ड से निकलने वाली केटल कूहल के बारे में ग्रामीणों रवि, कपिल, मुख्तार, अंकुर आदि ने बताया कि कूहल में अच्छा पानी आ रहा है। ढुगियारी गांव मूली व अन्य फसलों के लिए विख्यात है। इस पर विधायक पवन काजल ने कहा कि कोई दिक्कत आने पर सीधे ग्रामीण उनसे बात करें।
कछियारी में पुल वाली कूहल बिलकुल ओके
कछियारी गांव की सोना उगलने वाली जमीन को मनूणी से निकलने वाली पुल वाली कूहल सींचती है। इस कूहल को भी पवन काजल ने सुचारू करवा दिया है। ग्रामीणों सुभाष, विवेक आदि ने बताया कि पानी मिलने से नकदी सब्जियों का रास्ता साफ हो गया है।
नंदेहड़ की दो बड़ी कूहलों में भरपूर पानी 
मनूणी खड्ड से नंदेहड़ गांव के लिए दो बड़ी कूहलें दवाड़ और मल्ह कूहल निकलती हैं। ग्रामीणों विजय, परवेश, राकेश, रवि, विकेश आदि ने बताया कि इन कूहलों में भरपूर पानी है। इस क्षेत्र में गोभी, पनीरी से लेकर पारंपरिक फसलें तो होती ही हैं, साथ ही इन खेतों में कृषि विज्ञानी रिसर्च भी करते हैं।
बीरता की भरोह कूहल भी सुधरी
विधायक पवन काजल ने बताया कि बीरता की भरोह कूहल के लिए समय लगा, लेकिन ग्रामीणों और मशीन की मदद से कूहल में पानी आ गया है। ग्रामीणों राजेश,दिलजीत, पवन, बिंदु आदि ने इसके लिए विधायक पवन काजल को साधुवाद दिया। विधायक पवन काजल ने कहा मैं खुद एक किसान हूं। मुझे पता है कि फसल कितनी मेहनत से तैयार होती है, मेरी राजनीति सबसे लिए एकसमान है। जनता मेरा परिवार है। कहीं भी कोई दिक्कत हो, तो किसान व अन्य लोग सीधे मुझे फोन करें।
ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा