शोधकर्ताओं और नवोन्मेषी मछली उत्पादकों पर ध्यान देने की आवश्यकताः कुलपति

शोधकर्ताओं और नवोन्मेषी मछली उत्पादकों पर ध्यान देने की आवश्यकताः कुलपति

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSK Himachal Pradesh Agriculture University) में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रायोजित मछली पालन में महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। 30 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित करने के बाद मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एच.के. चौधरी ने विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए मछली पालन के महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्नो ट्राउट जैसी मछली की प्रजातियां पूरे देश में जानी जाती हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि हिमाचल प्रदेश के सूखे और गीले समशीतोष्ण जल संसाधनों में उपलब्ध शिज़ोथोरेसिक स्नो और रेन ट्राउट जैसे ठंडे पानी की कीमती मछलियों का संरक्षण और पालन किया जाए।

उन्होंने कहा कि ईल (गोदड़ी) आदि जैसे महत्वपूर्ण जर्मप्लाज्म संसाधनों पर स्थानीय रूप से अनुकूलित कीमती जीन पूल को मुख्यधारा में लाने के लिए शोधकर्ताओं और नवोन्मेषी मछली उत्पादकों को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मांसाहारियों को अपने भोजन में मछली को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए।

यह खबर पढ़ेंः समाजसेवा में पेश की मिसाल, राजनीति में कर रहीं कमाल रविता भारद्वाज

कुलपति ने कहा कि बायोफ्लॉक मछली पालन जैसे आधुनिक तरीके पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रणालियों में मछली पालन के अवसर खोल सकते हैं। राज्य सरकार पहले से ही हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मछली तालाब बनाने के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करके पहाड़ी युवाओं को मछली पालन और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं के समर्थन से पूरे राज्य के किसानों को नियमित प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए मत्स्य विभाग की सराहना की।

डॉ. जी.सी.नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. मनदीप शर्मा ने प्रशिक्षुओं को अन्य किसानों के बीच भी ज्ञान बांटने के लिए कहा। मत्स्य विभाग की प्रमुख और प्रशिक्षण समन्वयक डेजी वाधवा ने बताया कि मछली खाने के फायदे, मछली का अचार बनाना, एकीकृत मछली जैसे विषय हैं। प्रशिक्षण के दौरान स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला किसानों के लिए खेती, क्षमता निर्माण आदि के बारे में जानकारी दी गई।

ब्यूरो रिपोर्ट पालमपुर

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।