उज्जवल हिमाचल। मंडी
हिमाचल प्रदेश में सरकार ने नगर परिषदों और नगर निगमों में रात्रि ठहराव के लिए और ऐसे लोगों को छत देने की योजना शुरू की जो शहरों में फुटपाथ या फिर किसी अन्य स्थान पर मजबूरी में रात गुजारते हैं। इसी के तहत 2015 में उस समय की कांग्रेस सरकार ने मंडी शहर में भी एक रैन बसेरे का शिलान्यास किया था जिसका काम 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है और कब शुरू होगा या फिर नहीं इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है।
शहर के टाउन हॉल में की गई है अब अस्थाई व्यवस्था
लेकिन जब इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल के लिए मंडी शहर के टाउन हॉल में जहां पर अभी कुछ महीने पहले तक नगर निगम का अस्थाई कार्यालय था वहीं पर अस्थाई तौर पर लोगों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है। जिसमें पेड और फ्री लगभग 18 बेड लगाए गए हैं जहां पर ऐसे लोग जो मंडी शहर में किसी मजबूरी में रुकना चाहते हैं तो वह रुक सकते हैं।
निगम के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार ने दी जानकारी
नगर निगम मंडी के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है जिसमें सभी विभागों का समन्वय रहता है। इसके साथ ही मंडी शहर के गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा में भी दो कमरों को रैन बसेरे की सेवा के लिए खाली रखा जाता है जहां पर जरूरतमंदों को ठहराया जाता है। उन्होंने बताया कि मंडी में रैन बसेरा न होते हुए भी नगर निगम अपने स्तर पर लोगों को सेवाएं दे रही है।
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शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं पोस्टर
वहीं सहायक आयुक्त नगर निगम मंडी कृष्ण कुमार ने बताया कि निगम ने अस्थाई रैन बसेरे की व्यवस्था होने के बाद शहर में ऐसे लोगों की रात को खोजबीन करने के लिए टीमें गठित की हैं जो जरूरतमंद लोगों की तलाश करते हैं और रात गुजारने के लिए रैन बसेरे में लाते हैं। इसके साथ ही आम लोगों को इस बारे में सूचित करने के लिए शहर के सार्वजनिक स्थानों जैसे बस अड्डा, अस्पताल आदि में पोस्टर भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी शहर में किसी के पास यदि रात को रुकने खाने आदि के लिए व्यवस्था नहीं है तो वह रैन बसेरे की सेवाएं ले सकते हैं।
2015 में कांग्रेस की सरकार ने रखी थी पड्डल में आधारशिला
बता दें कि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने मंडी में रैन बसेरे का शिलान्यास किया था। लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद रैन बसेरे का काम ठंडे बस्ते में पड़ गया। लेकिन पिछली सरकार ने भी इसे बनाने में कोई रूची नहीं दिखाई। उम्मीद यही जताई जा रही है कि अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से मंडी में स्थाई रैन बसेरा बनेगा।