उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर
आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस दिन शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। ग्रंथों में लिखा गया है कि इसको करने से सभी एकादशियों का फल प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि पर श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। यह एकादशी व्रत समाज में एकता, धर्मनिष्ठा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। इस दिन को जल की महत्वता को उभारने का भी विशेष महत्व है, जो हमें प्राकृतिक धरोहर के प्रति सम्मान और आभारी बनाता है। यह व्रत मन को संयम सिखाता है और शरीर को नई ऊर्जा देता है। बताते चलें कि निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर शांति और सौहार्द के संदेश को फैलाने के लिए मनाया जाता है।
नूरपूर फतेहपुर ज्वाली व इंदौरा में भी श्रद्धालुओं द्वारा अपने परिसर के समीप मीठे पानी की छबील लगा चिलचिलाती धूप के बीच दुकानदारों व अन्य कर्मियों ने धार्मिक परम्परा पालन करते हुए राहगीरों और पर्यटकों की प्यास बुझाने के लिए मीठे शरबत का और फलाहार का वितरण करते हुए धर्म लाभ कमाया वहीं गर्मी के बडी संख्या में लोगों ने शरबत पीया और फलाहार का प्रसाद ग्रहण किया। नूरपूर शहर में भी दुकानदारों द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि इस पर्व पर पानी पिलाने का वड़ा महत्व है। इसमें कुछ श्रद्धालु फल भी वितरित करते हैं तथा कार्यक्रम के समापन पर आलुओं का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित करते हैं।