एनआईटी चेरापूंजी में अनुवादित पुस्तक कौटिल्य अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन विज्ञान का विमोचन

उज्जवल हिमाचल । कांगड़ा

डॉ. प्रदीप कुमार जो कभी डीएवी कॉलेज कांगड़ा में अर्थशास्त्र में विभागाध्यक्ष और डीएवी पालमपुर में प्रिंसिपल के पद पर रहे लेकिन जो अब वर्तमान में एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय कैथल हरियाणा में प्राेफेसर अर्थशास्त्र के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एनआईटी चेरापूंजी (असम) में आईसीएसएसआर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया। समारोह का उद्घाटन डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. राजपाल द्वारा अनुवादित तथा डॉ. एसडी चमोला द्वारा लिखित कौटिल्य अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन विज्ञान का विमोचन प्रेसिडेंट कॉन्फ्रेंस प्रो. संजय पासवान, सचिव डॉ. आलोक शर्मा, डॉ. मोहन पटेल वाईस चांसलर कच्छ गुजरात, प्रो. पी. महन्ता निदेशक एनआईटी, डॉ. अखिलेन्दर प्रताप सिंह एनआईटी, प्रो. एसएस कलमकर डायरेक्टर एग्रो रिसर्च सैंटर एसपीयू आनंद गुजरात तथा रामा कृष्णा मिशन के सचिव स्वामी अनुरागा नंद ने किया।

इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस वाइस प्रेसिडेंट डॉ. दलीप, डॉ. पुलीन नायक भूतपूर्व निदेशक देहली स्कूल ऑफ इक्नामिक्स तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे। टेक्नीकल सेशन के चेयरपर्सन के रूप में प्रो. डॉ. प्रदीप कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह नई नीति रोजगार उन्मुख नीति हो सकती है। इस उदेश्य की प्राप्ति हेतु बड़े पैमाने पर स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने की आवश्यकता है और समय-समय पर मूल्यांकन भी होना चाहिए ताकि टीचिंग लर्निग प्रोसेस में वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन किया जा सके। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास की ओर भी फोकस करने की आवश्यकता है ताकि विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को निर्धारित समय में प्राप्त किया जा सके।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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