उज्जवल हिमाचल। शिमला
उच्च शिक्षण संस्थानों में अब 4 वर्ष की शिक्षा पूरी होने पर स्नातक ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। पहले यह डिग्री 3 वर्ष में पूरी होती थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह व्यवस्था लागू होगी। इसे लेकर ड्राफ्ट तैयार हो गया है और अब इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इसी सप्ताह अधिसूचित करेगा।
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उन्होंने कहा कि चाहे वह राजनीतिक दलों के कार्यकर्त्ताओं पर हो या फिर कर्मचारियों पर हों। ऐसे सभी राजनीति विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्सिज शुरू करना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है और चरणबद्ध तरीके से उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल बिंदुओं को लागू किया जा रहा है। बताते चलें कि सत्र 2023-24 से जहां सभी नए विद्यार्थियों के पास 4 वर्षीय अंडर ग्रैजुएट कोर्स में प्रवेश लेने का विकल्प होगा।
नए नियमों के तहत 4 साल बाद ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी, लेकिन जो विद्यार्थी शुरूआती के 6 सैमेस्टर में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल करेंगे और आगे ग्रैजुएशन स्तर पर रिसर्च भी करना चाहते हैं, उन्हें चौथे वर्ष में रिसर्च विषय भी चुनने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें ऑनर्स विथ रिसर्च की डिग्री दी जाएगी।
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जानकारी के अनुसार इन कोर्सिज में क्रैडिट सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिसके तहत 160 क्रैडिट तक स्कोर करने वालों को ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। इसके अलावा ड्राफ्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जो विद्यार्थी पहले से मौजूदा सीबीसीएस के अनुसार 3 साल के स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित है, वे भी 4 साल के स्नातक डिग्री प्रोग्राम के लिए पात्र होंगे।
इसके लिए यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को एक स्पैशल ब्रिज कोर्स तैयार करने को कहा है। नए नियम के अनुसार अब विद्यार्थियों को अपने ग्रैजुएशन की डिग्री पूरी करने के लिए टाइम की बाध्यता नहीं रहेगी। यदि विद्यार्थी किसी कारण बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं तो बाकी के कोर्स को 10 साल बाद भी पूरा कर सकेगें।