ऑनलाईन प्रमोशन सॉफ्टवेयर बनाए शिक्षा विभाग : हीर

एसके शर्मा । हमीरपुर
नई शिक्षा नीति में अनिवार्य किए गए शिक्षकों के ऑनलाईन ट्रांसफर प्रावधान लागू करने हेतु शिक्षा विभाग ने लाखों रूपये का सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन शिक्षकों की समय पर ऑनलाईन  प्रमोशन हेतु ऐसा कोई सॉफ्टवेयर आज तक नहीं बनाया है । इसके कारण हर साल डीपीसी में देरी होती है क्योंकि शिक्षकों से पदोन्नति के लिए बार-बार वही डाटा मांगा जाता है जो कि विभाग के पास ऑनलाईन उपलब्ध है । ऐसे में अगर शिक्षा विभाग ऑनलाईन सॉफ्टवेयर का प्रयोग करे तो बार-बार कागजात मांगने का झंझट खत्म हो जाएगा और कागजात जमा करने में हर साल होने वाला विलंब भी खत्म हो जाएगा । हिमाचल प्रदेश राजकीय कला प्रशिक्षित स्नातक संघ अध्यक्ष विजय हीर ने उक्त मांग शिक्षा विभाग से रखते हुए पदोन्नति में जारी विलंब को निराशाजनक बताया ।
हीर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की अधिसूचना संख्या  1-13/75-डीपी (एपी-II) दिनांक :14-2-1984 (अनुलग्न 16.22) के तहत यह स्पष्ट प्रावधान है कि विभागीय पदोन्नति  कमेटी की बैठक हर वर्ष अप्रैल में आपेक्षित है जबकि कार्मिक विभाग हिमाचल के आदेश संख्या कार्मिक(एपी-II) बी(3)-1/94 दिनांक:16-11-1994 (अनुलग्न 16.25 and 16.55) के अनुसार अप्रैल से जून के बीच ही उपलब्ध और आपेक्षित पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की जानी चाहिए मगर इन नियमों की अनदेखी के चलते पदोन्नति प्रक्रियाएँ हर साल मध्य या सत्र के अंत में हो रही हैं मगर ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में शिक्षकों के सर्विस बुक रिकोर्ड्स, एसीआर, वर्क एनडी कंडक्ट आदि हर साल दर्ज किए जा सकेंगे ताकि डीपीसी को इसमें समय न लगे जबकि स्टेशन देने हेतु डीपीसी कमेटी अपने अनुसार निर्णय ले सकती है । हीर ने हिमाचल के सरकारी स्कूल-कॉलेजों में नियुक्त 80 हजार से ज्यादा शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले करने के लिए नेशनल इन्फॉरमेटिक सेंटर (एनआईसी) सॉफ्टवेयर तैयार किया गया था जिसका  इसका ट्रायल कैबिनेट मीटिंग में किया गया था। हरियाणा और पंजाब में इसी तरह ट्रांसफर की जाती है और अब हिमाचल में इसी तरह की तबादला नीति पर काम किया गया है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से सरकार शिक्षकों के अब ऑनलाइन तबादले करेगी। सॉफ्टवेयर विभिन्न मानकों के आधार पर नंबर देकर शिक्षकों के तबादले करेगा। बता दें कि शिक्षकों के तबादले को लेकर नई नीति बनाने पर पिछले दो साल से काम चल रहा है। मगर शिक्षकों की पदोन्नति के मामले  में ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाने हेतु अब तक विचार नहीं किया गया है ।