आत्मनिर्भर बनें पंचायतें, विकास में हो सबकी भागीदारी: डॉ. निपुण जिंदल

Panchayats should become self-reliant, everyone should participate in development: Dr. Nipun Jindal
आत्मनिर्भर बनें पंचायतें, विकास में हो सबकी भागीदारी: डॉ. निपुण जिंदल

धर्मशाला: ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर बनें तथा ग्रामीण विकास में सबकी भागीदारी हो। गांवों में समग्र विकास का ऐसा मॉडल विकसित करने में पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है।

उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बुधवार को चिन्मय ग्रामीण विकास संस्था (सी.ओ.आर.डी), तपोवन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया धर्मशाला द्वारा संयुक्त रूप से पंचायती राज संस्थाओं में पुरुषों की भूमिका और लैंगिक संवेदीकरण विषय पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में यह विचार व्यक्त किए।

चिन्मय आश्रम तपोवन में आयोजित इस कार्यशाला में धर्मशाला उपमंडल की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों और लोगों ने भाग लिया।  इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौर और चिन्मय ग्रामीण विकास संस्था की निदेशक डॉ. क्षमा मैत्रेय भी उपस्थित रहीं।

डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि मजबूत ग्राम पंचायतें सुदृढ़ भारत का आधार हैं। पंचायतों की मजबूती उनके आत्मनिर्भर होने में है, इसके लिए आवश्यक है कि गांवों में इस तरह के कार्य हों, जिससे पंचायत के लिए आमदनी के माध्यम सृजित हों। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि गांवों के विकास में समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करें।

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उन्होंने लोगों से स्वयं सहायता समूहों के गठन को बढ़ावा देकर स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए स्वावलंबन की ओर बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने गांवोें में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व संवर्धन के लिए भी मिलकर काम करने को कहा। साथ ही युवाओं को नशे से बचाने के लिए खेलकूद गतिविधियों के आयोजन और गांवों में पढ़ने-लिखने का वातावरण निर्मित करने पर जोर दिया।

उपायुक्त ने लैंगिक संवेदीकरण को लेकर कहा कि भारतीय संस्कृति ने हमेशा महिला और पुरुष को एक दूसरे का पूरक माना है। साथ चलने, साथ बढ़ने और लैंगिक भेद के बिना सबके लिए समान अवसरों के निर्माण के लिए इस सनातन विचार को आत्मसात करना जरूरी है।

इसके उपरांत उपायुक्त ने चिन्मय ग्रामीण विकास संस्था के माध्यम ये सेरेब्रल पाल्सी नामक बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा तैयार विशेष कुर्सियां भी वितरित कीं। सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है जो बच्चों की शारीरिक गति, चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है।

संवाददाताः ब्यूरो धर्मशाला

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