परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से मिली राहत, जांच में करें सहयाेग : सुप्रीम कोर्ट

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि पहले परमबीर सिंह ये बताएं कि वे कहां हैं, उसके बाद ही उनकी याचिका पर सुनवाई होगी। मुंबई की एक अदालत ने परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया है, क्योंकि बार-बार समन दिए जाने के बावजूद वे जांच समिति के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। 100 करोड़ रुपए की वसूली के मामले में मुंबई पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। वहीं, सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि वे देश में ही हैं और वह 48 घंटे में सीबीआई के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि सुरक्षा के लिए सिंह की याचिका पर तभी सुनवाई होगी, जब वह यह बताएंगे कि वह देश में हैं या देश से बाहर हैं।’ पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सिंह को 22 नवंबर तक का समय दिया था और उनके वकील को अगली सुनवाई उनके ठिकाने की जानकारी देने को कहा था। सिंह की तरफ से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पावर आफ अटार्नी के जरिए दायर की गई है। बता दें कि परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की है। मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सिंह समेत कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया है। सिंह आखिरी बार इस साल मई में अपने कार्यालय आए थे, जिसके बाद वह छुट्टी पर चले गए।

राज्य पुलिस ने पिछले महीने बांबे हाईकोर्ट को बताया था कि वो कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, परमबीर सिंह के छुट्टी पर जाने के दो महीने बाद महाराष्ट्र पुलिस ने एलओसी जारी किया था। सिंह पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी दो जांच लंबित थी। गोरेगांव पुलिस स्टेशन में 23 जुलाई को परम बीर सिंह, सचिन वाजे और अन्य के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था, जिसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। यह रंगदारी का दूसरा मामला है, जिसमें परमबीर सिंह का नाम लिया गया है।