जसवां-परागपुर के कई गांवों में जरूरी सुविधाएं रेगिस्तान में बरसात के जैसीः कैप्टन संजय

पराशर ने भरोली जदीद पंचायत में किया 32वें महायज्ञ का आयोजन

उज्जवल हिमाचल। जसवां-परागपुर

कैप्टन संजय ने कहा है कि आज भी जसवां-परागपुर में कई गांव ऐसे हैं। जहां जरूरी सुविधाएं रेगिस्तान में बरसात के जैसी हैं। भले ही हम 21 वीं सदी में आ चुके हैं और भले ही हम बहुत विकास के कई दावे-प्रतिदावे करते हैं। लेकिन कड़वा सच है कि आज भी इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं की दरकार है और इन गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाने की सख्त जरूरत है।

शुक्रवार को भड़ोली पंचायत में 32वें महायज्ञ के आयोजन पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर जो यथार्थ पर पिछले वर्षों में काम होना चाहिए था। वो सही मायनों में नहीं हुआ है। शिक्षा का हाल यह है कि कई प्राइमरी स्कूल एकमात्र शिक्षक के सहारे चल रहे हैं।

संजय ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि प्राथमिक स्तर पर गणित, विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों पर बच्चों की मजबूत पकड़ के लिए कार्य योजना बनाई जाती और पीटीए के तहत शिक्षित युवाओं को पढ़ाने का मौका दिया जा सकता था। लेकिन अफसोस यह है कि काम चलाऊ व्यवस्था से ही शैक्षणिक ढांचे को खींचने का काम हुआ।

पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के युवाओं को आस थी कि क्षेत्र में नए उद्योग लगते तो उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान होते। युवाओं को नौकरियों के लिए अब भी अन्य राज्यों के शहरों में धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ ऐसे ही हाल हैं। कोरोना महामारी के बाद सबक लेने की बजाय स्वास्थ्य संस्थानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया और आज भी क्षेत्र के ये संस्थान रेफरल अस्पताल बनकर रह गए हैं।

संजय पराशर ने कहा कि भरोली जदीद पंचायत की समस्याएं अब भी ज्यों की त्यों हैं। घनियाल, बाग बस्ती और वैद्य बस्ती में संपर्क मार्गों की जर्जर हालत किसी से छिपी नहीं हुई है। पंचायत के लड़ोआ गांव में बरसात के इस मौसम में पहुंचना किसी युद्ध को जीतने जैसा प्रतीत होता है। गांव में परिवहन सुविधाओं की भी कमी है और लांग रूट की बस सेवा की मांग ग्रामीण अरसे से करते हैं।

कैप्टन संजय ने कहा कि इस पंचायत में बेसहारा पशुओं और जंगली जानवरों द्वारा फसलों को बर्बाद करने की समस्या भी पुरानी है। ऐसे में यहां हर्बल खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है तो सिंचाई के लिए खड्डों पर चेक बांध बनाए जा सकते हैं। कहा कि जल शक्ति विभाग में रिक्त चले पदों की कमी को भी पूरा करना चाहिए।

पराशर ने कहा कि उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है तो वह पांच वर्ष में युवाओं को 25 हजार नौकरियां देने के लिए कार्य करेंगे। हर पंचायत मुख्यालय पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की व्यवस्था की जाएगी तो स्वास्थ्य उपकेंद्रों में जरूरी दवाईयों के साथ ऑक्सीजन सिंलेंडर की भी व्यवस्था की जाएगी।

संजय ने कहा कि जसवां.परागपुर का समग्र विकास हो, इसके लिए व्यवस्था परिवर्तन की आवश्यकता है। भरोली जदीद के महायज्ञ में पौने दो सौ परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया और हवन कुंड में आहुतियां डालीं। इस मौके पर सेवानिवृत कैप्टन रमेश, पंचायत प्रधान अनीष कुमार, बीडीसी सदस्य अनुज कुमार, राज कुमार, कश्मीर सिंह, शंकर दास, राम स्वरूप, जोगेंद्र सिंह, अनीता देवी, प्रिया ठाकुर, नीलम, कुलदीप और पंकज ठाकुर भी मौजूद रहे।

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