मन की शांति से रुकेंगे दुनिया में युद्ध, धर्म के अभ्यास से जीवन होगा लंबा: दलाईलामा

Peace of mind will stop wars in the world, practice of religion will prolong life: Dalai Lama
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा मैक्लोडगंज स्थित बौद्ध मठ से प्रवचन देते हुए

धर्मशाला : आज पूरी दुनिया में रुस और यूक्रेन के चर्चे हैं। रुस-यूक्रेन के बीच हो रही लड़ाई के कारण सभी देशों में तनाव की स्थिती पैदा हो गई है। इस बीच कोरियाई बौद्ध संघ के अनुरोध पर बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने मैक्लोडगंज स्थित बौद्ध मठ में शनिवार को प्रवचन के अंतिम दिन पर कहा कि आज रूस और यूक्रेन के बीच कई समस्याएं हो रही हैं।

जब तक मन शांत नहीं होगा, तब तक रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। इस दौरान दलाईलामा ने प्रवचन देते हुए कहा कि हमारे मन को विचलित करने वाले क्रोध को यदि हम नियंत्रित कर लें, करुणा और मैत्री का जितना अधिक अभ्यास कर लें, तो निश्चित तौर पर अच्छे धार्मिक व्यक्ति बनेंगे। धार्मिक व्यक्ति होने के नाते और धर्म की राह पर चलकर ही हम दुनिया में शांति की स्थापना करने के लिए सहयोग कर सकते हैं।

दलाईलामा ने कहा कि दुनिया का हर प्राणी सुख चाहता है। हर कोई कामना करता है कि दुनिया में शांति हो, लेकिन यह सुख न आसमान से टपकेगा और न ही जमीन से खोदकर मिलेगा। यह शांति मन के अंदर से ही आएगी। उन्होंने कहा कि मैं की भावना, मोह और क्लेश हमेशा अशांति की भावना पैदा करते हैं। हमें सभी के हित के बारे में सोचना चाहिए। दलाईलामा ने कहा कि मोह और क्लेश कम करना है तो ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए। जैसे-जैसे आप ग्रंथों का अध्ययन करेंगे, वैसे-वैसे हमारे मन के क्लेश खत्म होते जाएंगे।

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बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने अपने प्रवचन में कहा कि यदि आप दूसरों का हित करते हैं, तो इससे न केवल आप स्वयं में, बल्कि पूरे समाज में शांति स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए आपको पूरे मन से धर्म का अभ्यास करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलेगी और इसी शांति से जीवन लंबा होगा, बीमारियां दूर होंगी। आज के वैज्ञानिक, मनोविज्ञान और शरीर को स्वस्थ रखने की पद्धतियां भी बताती हैं कि मन शांत रहने से बीमारियां कम होती हैं।

संवाददाता : ब्यूरो धर्मशाला

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