प्रियदर्शनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने हर्षोल्लास से मनाया आपना 32वां वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

प्रियदर्शनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 32वें वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। समारोह में कांग्रेस कार्यकारी समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय के समन्वयक, प्रशासन के प्रभारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्य अतिथि का स्कूल में पहुंचने पर स्कूल के चेयरपर्सन राजेश रॉकी व स्कूल हे स्टाफ ने पुष्प गुच्छ देकर व फ़ूल मालाएं पहनाकर जोरदार स्वागत किया।

कार्यक्रम के शुरुआत मां सरस्वती की पतिमा के आगे दीप प्रज्वलित करके की गई। उसके उपरांत स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया। साथी स्कूली बच्चों ना रंग-रंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। स्कूल के प्रधानाचार्य जनजीत कुमार के स्कूल के बारे में जानकारी दी और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की व स्कूल के चेयरपर्सन राजेश रॉकी की जीवन शैली को दर्शाया। उन्होंने कहा कि स्कूल में डिसिप्लिन का खास ध्यान रखा जाता हैं ताकि बच्चों को सही शिक्षा प्रदान की जा सके।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए स्कूल अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि स्कूल में अत्याधुनिक तरीके से शिक्षा प्रदान करने के लिए उपकरण भी स्थापित किए गए हैं। साथियों ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए स्कूल में जिम का प्रावधान भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष स्कूल बेहतर रिजल्ट आना स्कूल अध्यापकों व बच्चों के अभिभावकों को जाता है।

स्कूल के चेयरपर्सन राजेश रॉकी ने कहा कि जब मेरी पहली बार गुरदीप सिंह सप्पल से मुलाकात हुई तो मुझे अपने ऑफिस में बिठाकर बहुत ही प्रेम के साथ बात की। उन्होंने बताया कि मैंने गुरदीप सिंह सप्पल के साथ जिद की कि आप हिमाचल आकर मेरा एक छोटा सा संस्थान है वहां आकर मेरे बच्चों को अशीर्वाद दें। राकेश रॉकी ने यह भी कहा कि मैं पिछले साल गुरदीप सिंह को हिमाचल लाने में सफल नहीं हुआ लेकिन इस बार मैं उन्हें अपने संस्थान में लाने के किल सफल हुआ हूं। उन्होंने कहा कि बहुत व्यस्त होने के बावजूद भी वे इस समारोह में शामिल हुए हैं। सन् 1994 में मैं और मेरी कुछ चन्द स्वरोजगारों ने स्व. इंदिरा गांधी जोकि भारत की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। उनके निक नाम प्रियदर्शिनी से इस संस्थान का नाम रखा गया था।

उन्होंने बताया कि मैं एक समाजिक कार्यों के साथ-साथ राजनीति में भी जुड़ा रहा इसीलिए मैंने सोचा कि विद्यालय का संचालन मेरे लिए अच्छा रहेगा और मैंने इस विद्यालय की नींव रखी। ये विद्यालय कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आधारित है। उन्होंने बताया कि मैं एक सैनिक परिवार से संबंध रखता हूं और सैनिक परिवार होने के कारण अनुशासन मेरे ह्दय में बसा हुआ है। राकेश रोकी ने यह भी कहा कि आज के बच्चे अनुशासनहीन और अपने संस्कारों से व्हीन हो चुके हैं। यह बस दो कारणों से संभव हुआ है। जैसे कि इसमें राजनीतिक मामले भी आते हैं और कुछ व्यापारीकरण हैं। पैसे कमाने की होड़ के चक्कर में बच्चों को भविष्य दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है।

मेहनत कर ही पाई जा सकती है सफलता : गुरदीप सिंह सप्पल

प्रियदर्शनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 32वें वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह के दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो ये सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लड़कियां घर के कामों में, स्कूल की पढ़ाई में आगे हैं लेकिन मंच में नहीं हैं अगर हम इस चीज को ठीक कर दें तो आने वाले समय में उनका जो हक है वो मिलता रहे। गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि बच्चों को यह समझना चाहिए कि जैसे घर में मक्खन लगाने से मां खुश नहीं होती उसके लिए अच्छे काम करने पड़ते हैं। वैसे ही मां सरस्वती तभी खुश होती है जब आप मेहनत करते हैं और कोई भी देवी पूजा करने से खुश नहीं होती हैं। अगर मां सरस्वती की कृप्या चाहते है तो पढ़ाई करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर बिना मेहनत कोई भी सफल नहीं हो सकता है।

ब्यूरो रिपोर्ट पालमपुर

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