अंतरराष्ट्रीय महिला घरेलू हिंसा उन्मूलन तथा राष्ट्रीय संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

राजकीय महाविद्यालय नगरोटा बगवां में आज रोवर्स एवं रेंजर तथा एनएसएस इकाई द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला घरेलू हिंसा उन्मूलन तथा राष्ट्रीय संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार चौधरी ने की। चौधरी ने महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा न सहने और न ही उसका समर्थन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा का खुलकर विरोध करना चाहिए और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय संविधान दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन 26 नवम्बर भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व में सबसे लम्बा लिखित संविधान है।

इस दौरान अधिवक्ता वंदना शर्मा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से महिला घरेलू हिंसा उन्मूलन तथा राष्ट्रीय संविधान दिवस बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या, मातृत्व लाभ अधिनियम, जननी सुरक्षा योजना, घरेलू हिंसा अधिनियम के बारे में जानकारी दी। अधिवक्ता ने महिलाओं के मौलिक अधिकार अधिनियम, भरण-पोषण अधिनियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सैंटर, सखी स्कीम द्वारा पीड़ित महिलाओं के लिए कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं और महिलाओं की समस्याओं का हल किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई निर्धन महिला किसी जाति से सम्बन्ध रखती हो, वह सादे कागज पर आवेदन करके मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती है।

इस अवसर पर महिला घरेलू हिंसा उन्मूलन पर बोलते हुए अधिवक्ता इशिता शर्मा ने कहा कि पैसे की कमी और जानकारी के अभाव में कोई न्याय से वंचित न रहे, इसे सुनिश्चित बनाया जा रहा है तथा जरूरतमंद लोगों के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क कानूनी सलाह व सहायता का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने महिलाओं से सम्बन्धित सभी कानूनों की भी विस्तृत जानकारी दी और सभी से आग्रह किया कि इन जानकारियों को समाज व अपने आस-पड़ोस में सांझा करें। इस दौरान प्रियंका ने राष्ट्रीय संविधान दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश और समाज के बेहतर संचालन में संविधान की अहम भूमिका है। संविधान उचित ढंग से उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है यह कुछ ऐसे सिद्धांत पर आधारित होते हैं जो देश का आधार बनते हैं इसका उचित प्रयोग किसी भी राज्य या देश को संतुलित रूप से चलाने के लिए किया जाता है।

उन्होंने कहा कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 के दिन ही भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था। संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में हमारे संविधान को तैयार किया था। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया। भारत सरकार द्वारा पहली बार 2015 में संविधान दिवस मनाया गयाण् डॉण् भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करने और समाज में संविधान के महत्व का प्रसार करने के उद्देश्य से संविधान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर रोवर्स एवं रेंजर प्रभारी सुनीता कटोच एवं आशीष रंजन, एनएसएस प्रभारी रचना, कॉलेज का स्टाफ, महिला मंडल की प्रधान इंदिरा देवी तथा महिला मंडल की सदस्यों सहित बड़ी संख्या में कॉलेज के विद्यार्थी मौजूद थे।