सिंघा में आर. जे सेंट्स स्टीविया प्रसंस्करण संयंत्र का हुआ उद्घाटन

उज्ज्वल हिमाचल। पालमपुर

भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के सिंघा में आर. जे सेंट्स स्टीविया प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया, जिसे सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है। यह अपनी तरह की अनूठी ग्रीन प्रसंस्करण इकाई है, जो सूखे स्टीविया पत्तों को स्टेविओल ग्लाइकोसाइड पाउडर में प्रसंस्कृत करने की क्षमता रखती है। स्टीविया एक कम कैलोरी वाला प्राकृतिक स्वीटनर है, जो सुक्रोज से लगभग 300 गुना मीठा होता है और जिसे डायबिटीज़ के रोगी भी सेवन कर सकते हैं। इससे पहले, डॉ. कलैसेल्वी ने स्टीविया के खेतों का दौरा किया, जहां संस्थान द्वारा विकसित ‘हिम स्टीविया’  स्टीविया  किस्म को 200 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में लगाया गया है। उन्होंने नवीनतम खेत प्रबंधन तकनीकों का अवलोकन किया, जिसमें ड्रोन का उपयोग शामिल रहा।

उन्होंने खुशी व्यक्त कि संस्थान ने आर.जे सेंट्स को उत्तम पौध सामग्री से लेकर ग्रीन प्रसंस्करण तकनीक तक, समग्र समर्थन प्रदान किया। भारत में डायबिटीज़ के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, डॉ. कलैसेल्वी ने आर.जे सेंट्स को भी इस शानदार पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने विकसित भारत की दिशा में संस्थान के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर, डॉ. सुदेश कुमार यादव, निदेशक सीएसआईआर-आईएचबीटी ने संस्थान द्वारा स्टीविया पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में 20-79 आयु वर्ग के लगभग 540 मिलियन लोग डायबिटीज़ के साथ जी रहे हैं और यह संख्या 2030 तक 645 मिलियन होने का अनुमान है।

भारत में अकेले 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। आमतौर पर डायबिटीज़ के रोगियों को चीनी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। यहां स्टीविया एक मीठे विकल्प के रूप में आता है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित ‘हिम स्टीविया’ किस्म की विशेषताओं पर चर्चा की, जिसमें 14.5 ग्लाइकोसाइड है। उन्होंने उच्च उत्पादकता और उपज के लिए उत्तम कृषि प्रथाओं और पत्तियों से शुद्ध स्टेविओल ग्लाइकोसाइड निकालने के लिए ग्रीन प्रोसेस तकनीक पर जोर दिया। आर.जे सेंट्स के मालिक रवि शर्मा ने 2016 से संस्थान के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और संस्थान का मदद और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद किया।

इस अवसर पर, स्टीविया पर एक तकनीकी ब्रोचर का विमोचन किया गया और प्रगतिशील किसानों को उसकी गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री वितरित की गई। इसके साथ ही, धनवंतरी ग्राम संगठन, हिमाचल प्रदेश के साथ एक आसवन इकाई स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर महालक्ष्मी माल्ट प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, हरियाणा के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।