उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के जसूर से रानीताल 60 कि.मी. रेल ट्रैक पर लगभग 4 साल बीत जाने के बावजूद कांगड़ा रेल वैली के नीचले क्षेत्रों में रेल सेवा जनहित में अभी तक शुरू न होने से क्षेत्र वासियों में रेल विभाग के लाल फीताशाही अफसरों के खिलाफ रोष पनप रहा है। लोगों की जुबान पर एक ही प्रश्न है कि आखिरकार रेल विभाग का लाल फीताशाही प्रशासन किसके इशारे पर इस 60 किमी रेल ट्रैक पर रेल सेवा जनहित में क्यों नहीं शुरू कर पा रहा है। पीड़ितों का इस मामले में कहना है कि जोगिन्दरनगर बैजनाथ से कांगड़ा के रेल ट्रैक पर जनहित में रेल सेवा आरम्भ हो चुकी है फिर नूरपुर ज्वाली, गुलेर व नगरोटासूरियां इत्यादि क्षेत्रों में रेल सेवा इस ट्रैक पर क्यों नहीं आरम्भ हुई।
ऐसे अनेकों सवाल जनता की जुबान पर चर्चित हैं। गौरतलब है कि नूरपुर ज्वाली, गुलेर व नगरोटासूरियां इत्यादि क्षेत्रों के लोग, व्यापारी, मुलाजिम, सैनिक, पूर्व सैनिक व रेल विभाग के पैशनर इस रेल सेवा का उपयोग भारी सीमा तक करते हैं लेकिन अब इन्हें पांच गुना किराया काफी समय से बस में सफर करने हेतु मजबूरी में देना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों में इस मामले में काफी रोष रेलवे विभाग के खिलाफ पनपा हुआ है। इस मामले में कांगड़ा-चम्बा लोकसभा सांसद डाक्टर राजीव भारद्वाज ने कहा कि यह खेद का विषय है। जनहित में यह मामला रेल मंत्रालय के समक्ष लाया जाएगा। इस मामले में जसूर व्यापार मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव महाजन का कहना है कि रेल सेवा को इस क्षेत्र में बन्द रखने से जनता को लगभग चार साल से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह चिंता का विषय है कि जसूर से रानीताल 60 कि.मी. रेल ट्रैक होने के बावजूद बन्द पड़ा है। रेलवे विभाग इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ हैं।
संवाददाताः विनय महाजन