सोलदा क्रशर के खिलाफ आवाज उठाना पड़ा महंगा, शिकायतकर्ताओं के खिलाफ ही हो गई शिकायत

क्रशर मालिक ने जनता की आवाज को दबाने के लिए एससी जाति से संबंधित व्यक्ति को मोहरा बनाकर करवाई एससी/एसटी की शिकायत

Raising voice against Solda crushers was costly, complaint was made against the complainants only

उज्जवल हिमाचल। जवाली

प्रदेश की सरकार भले ही खनन माफिया के खिलाफ सख्ती बरतने के वादे करती है लेकिन धरातल पर खनन माफिया हावी है। जेसीबी व पोकलेन के माध्यम से सरेआम खनन किया जा रहा है तथा खड्डों को छननी किया जा रहा है। खनन माफिया द्वारा खनन का विरोध करने वालों को डराया-धमकाया जा रहा है तथा पुलिस में केस दर्ज करवाए जा रहे हैं। ऐसा ही मामला विधानसभा क्षेत्र जवाली में भी घटित हुआ है।

ग्राम पंचायत सोलदा में क्रशर माफिया द्वारा सरेआम जेसीबी व पोकलेन लगाकर खनन किया जा रहा है तथा इसके कारण खड्ड का जलस्तर दिनोदिन घटता जा रहा है, ऐतिहासिक धरोहर घराट भी बन्द होने की कगार पर पहुंच रहा है, लाखों की लागत से निर्मित डंगा भी गिरने की कगार पर पहुंच गया है तथा करीबन 180 कनाल जमीन बंजर हो रही है। 180 कनाल जमीन को कूहलों के माध्यम से सिंचाई सुविधा मिलती थी लेकिन खनन के कारण जलस्तर घट जाने से जमीनों में पानी नहीं पहुंच रहा है तथा जमीनें बंजर होती जा रही हैं।

क्रशर द्वारा लोगों की मलकीयती जमीनों को भी खोदा जा रहा है। खनन माफिया के खिलाफ सोलदा पंचायत के उपप्रधान सतनाम सिंह, चंचल सिंह, कर्मपाल सिंह, सतीश, ज्ञान सिंह इत्यादि ने पुलिस चौकी कोटला में 9 जनवरी को शिकायत की लेकिन पुलिस ने हमारी शिकायत दर्ज करने से पहले माफिया के साथ मिलकर 10 जनवरी को हमारे खिलाफ ही शिकायत दर्ज कर ली जबकि हमारी शिकायत को 11 जनवरी को दर्ज किया गया। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि जब हमने पुलिस में 9 जनवरी को शिकायत दी थी तो उसको उसी दिन दर्ज करने की बजाए 11 जनवरी को क्यों दर्ज किया गया।

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उन्होंने आरोप लगाया कि जब हमने पुलिस में खनन माफिया के खिलाफ बयान लिखवाना चाहा तो यह कहा गया कि इसमें खनन के खिलाफ कुछ नहीं लिखा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि खनन माफिया ने शिकायतकर्ताओं की आवाज दबाने के लिए पुलिस में हमारे खिलाफ ही एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करवा दी। खनन माफिया द्वारा ऐसा करके लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी मंगलवार को हमें डीएसपी कार्यालय जवाली में बुलाया गया था जिसमें डीएसपी जवाली मनोज धीमान ने हमसे इस संबन्ध में पूछा तथा हमने सच्चाई पुलिस अधिकारी को बता दी है।

चंचल सिंह ने बताया कि मेरा वहां पर पुश्तैनी घराट है तथा यही मेरी आजीविका है लेकिन क्रशर द्वारा घराट को आने वाली कूहल को तोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है ताकि घराट बन्द हो जाए तथा उनको आगे खनन करने का मौका मिल जाए। चंचल सिंह ने बताया कि वह हरगिज भी ऐसा नहीं होने देगा तथा क्रशर माफिया के खिलाफ आवाज उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि पुलिस में हमारे खिलाफ शिकायत करके क्रशर माफिया हमारी आवाज को नहीं दबा सकता। आरोप लगाया कि प्रशासन, खनन विभाग व पुलिस द्वारा क्रशर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

वहीं, ग्राम पंचायत उपप्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि क्रशर माफिया का क्रशर अवैध चल रहा है तथा इससे लाखों की संपति को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि खड्डों को जेसीबी व पोकलेन से खोद डाला है। जलस्तर नीचे चला गया है तथा हमने इसके खिलाफ़ आवाज उठाई तो क्रशर मालिक ने किसी व्यक्ति के जरिए पुलिस में हमारे खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत करवा दी।

उन्होंने कहा कि मेरे साथ जो अन्य लोग हैं वो एससी जाति से हैं जबकि मैं ही स्वर्ण जाति से हूं। क्रशर माफिया ने मेरी आवाज को दबाने के लिए यह केस करवाया है। उन्होंने कहा कि इस क्रशर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए तथा कोई भी केस हमारी आवाज को नहीं दबा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, खनन विभाग सहित पुलिस भी हमारा साथ नहीं दे रहे हैं जबकि सरेआम खनन हो रहा है।

डीएसपी जवाली मनोज धीमान ने बताया कि इस केस की जांच की जा रही है तथा किसी के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस केस की पूरी तथ्यों के साथ जांच की जाएगी।

संवाददाताः चैन सिंह गुलेरिया

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