दुर्लभ रोग परिवार को सुक्खू सरकार से बेहद उम्मीद

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा बगवां

हिमाचल प्रदेश दुर्लभ रोग समुदाय के अध्यक्ष सुभाष कुमार धीमान और उपाध्यक्ष विजय कुमार सचिव, शुभम अग्निहोत्री सलाहकार निखिल चौधरी जिला अध्यक्ष कांगड़ा सुरेश कुमार ब्लॉक जिला अध्यक्ष धर्मशाला चंपा रानी, जिला अध्यक्ष मंडी कश्यप पराशर, जिला अध्यक्ष शिमला पूनम शर्मा, ब्लॉक जिला अध्यक्ष शिमला नम्रता, जिला अध्यक्ष ऊना कंचन, जिला अध्यक्ष सोलन निशांत ठाकुर, ब्लॉक जिला अध्यक्ष (District president) सोलन अनिरुद्ध शर्मा, जिला अध्यक्ष बिलासपुर मनोज के नेतृत्व में दुर्लभ रोग फैमिली हिमाचल प्रदेश दुर्लभ रोगों के पीड़ित परिवारों को जोड़ा गया है।

जिसमें गंभीर दुर्लभ बीमारियों का परिवार है। हिमाचल दुर्लभ रोग परिवार की मुहिम बड़े स्तर पर चल पड़ी है, उन्होंने व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से 68 विधायकों को पत्र भेजे स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, मुख्य सचिव को ईमेल और व्हाट्सएप माध्यम से पत्र भेजे। हिमाचल के सभी पीड़ित सदस्यों ने ईमेल और व्हाट्सएप किया। मंत्री और विधायकों को प्रशासनिक अधिकारियों को सभी सदस्यों ने पत्र भेजें। बहुत बड़े स्तर पर यह मुहिम चल रही है। पीड़ितों का एक ही नारा जीवनदान देना होगा पूरे प्रदेश (State) के B.D.O को ई-मेल किया।

पूरे प्रदेश के तहसीलदार को ई-मेल किया। हिमाचल दुर्लभ रोग परिवार का कहना है इससे अवेयरनेस होगी और अधिकारियों को पता चलेगा कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी/ और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जानलेवा बीमारियां है। बच्चे बहुत कम आयु में मौत के आगोश में जा रहे हैं और इन पीड़ितों को हर सुविधा मिलनी चाहिए। हिमाचल दुर्लभ रोग परिवार ने ठाना है कि हिमाचल प्रदेश के सभी अधिकारियों को अवगत कराएंगे यहां तक कि पुलिस अधिकारियों को भी ईमेल किया जा रहा है।

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सभी अधिकारियों को विधायकों को उच्च अधिकारियों को ईमेल और व्हाट्सएप करेंगे और हिमाचल दुर्लभ रोग परिवार के सदस्य विधायकों को उनके घर जाकर पत्र सौंपेंगे। सभी को अवगत कराने के बाद पीड़ित सदस्य उनके अभिभावक मुख्यमंत्री से मिलेंगे। यह बहुत बड़ी मुहिम की तरफ हिमाचल के दुर्लभ रोग से पीड़ित परिवारों का कदम है कि सभी को पता होना चाहिए दुर्लभ रोगों से पीड़ित बच्चों को कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

हिमाचल प्रदेश के दुर्लभ रोग परिवार को विश्वास है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) इन बच्चों के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हिमाचल प्रदेश के सभी डॉक्टरों को ईमेल किया गया है । हिमाचल दुर्लभ रोग परिवार का कहना है सभी अधिकारियों को इन बीमारियों के बारे में अवगत कराया जाएगा पर अभी तक कहीं से कोई रिप्लाई नहीं मिला है। बहुत निराशा की बात है और इस परिवार की तरफ से मुहिम जारी रहेगी। विधायकों को उनके घर जाकर पत्र दिए जाएंगे।

इस मुहिम को चलाने वाले पीड़ित अभिभावक और पीड़ित सदस्य हैं। उनका कहना है कि अनाथ बच्चों की तर्ज पर कोष बनाया जाए। दुर्लभ रोगो से पीड़ित बच्चों के लिए महंगी दवाइयां होने के कारण इन बच्चों का इलाज संभव हो। इन पीड़ितों को हर संभव मदद मिलनी चाहिए। जिस तरह अनाथ बच्चों को मिल रही है। बहुत कम आयु में यह पीड़ित बच्चे मौत के आगोश में चले जाते हैं और काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।यहां तक की स्थिति इस प्रकार हो जाती है एक मक्खी इनके ऊपर बैठ जाए तो उसको भी नहीं उड़ा सकते हैं।

समस्त दिनचर्या के लिए अपने परिजनों पर आश्रित हो जाते हैं पर यह बच्चे पढ़ने में बहुत होनहार होते हैं। इतनी चुनौतियों के बावजूद भी यह अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं स्कोलियोसिस (scoliosis), खराब फेफड़ों के कार्य से गुजरते हैं और कई अन्य चुनौतियां। ये बच्चे बौद्धिक रूप से बहुत तेज होते हैं शानदार प्रदर्शन करते हैं। बाधाओं इसलिए, हम उन्हें स्मार्ट चिल्ड्रन कहते हैं। हम मानते हैं कि ये बच्चे जीवन जीने के लायक हैं और वह भी गरिमा और स्वाभिमान के साथ जीवन।

ब्यूरो रिपोर्ट नगरोटा बगवां

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