आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी

RBI increased the repo rate by 0.25 percent
आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। रेपो रेट में लगातार छठी बार केंद्रीय बैंक ने इजाफा किया है। रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है।

इससे पहले तीन दिनों तक आरबीआई की एमपीसी की अहम बैठक चली। इसके बाद बैठक की जानकारी और इस दौरान लिए गए फैसलों के लिए शक्तिकांत दास मीडिया से रू-ब-रू होते हुए ये बातें कहीं।

केंद्रीय बैंक के इस फैसले से होम लोन के ईएमआई में बढ़ोतरी हो जाएगी। बता दें कि मई 2022 से रेपो 4% था जो अब बढ़कर 6.5% हो गया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि बीते तीन वर्षो के दौरान वैश्विक परिस्थितियों के कारण दुनिया भर के बैंकों को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लेना पड़ा है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए ये कठिन फैसले जरूरी थे।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य अब उतना गंभीर नहीं दिख रहा है जितना कुछ महीने पहले था, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है, जबकि मुद्रास्फीति में गिरावट आई है। हालांकि मुद्रास्फीति अभी भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वास्तविक नीतिगत दर सकारात्मक दायरे में है और मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत दिख रहे हैं। यह नरम हो रही है। वहीं कारोबारी साल 2024 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 5.3 फीसदी लगाया गया है।

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पहली तिमाही में यह पांच फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.6 फीसदी रह सकती है। कारोबारी साल 2023 के लिए CPI महंगाई का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया गया है। चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है।

महंगाई की वजह से पूरी दुनिया में माहौल बदला है। दास ने कहा कि पिछले 3 सालों से दुनिया भर में अनिश्चिता बढ़ी है। वैश्विक आर्थिक स्थिति काफी सुधरी है लेकिन महंगाई ज्यादा है। बजट से आने वाले दिनों में मांग और बढ़ेगी। FY23 में महंगाई अनुमान से कम, ग्रामीण भारत से मांग बढ़ी। शहरी क्षेत्रों की बात करें, तो यहां खपत के बढ़ने की उम्मीद है।
इसके साथ ही कंज्यूमर डिमांड में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

मूल्य का दबाव कम होने की वजह से कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर वृद्धि की स्पीड को कम कर दिया है या दर वृद्धि को रोक दिया है, हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है। दास ने कहा कि भारत में महंगाई 4 फीसदी लक्ष्य से ज्यादा होगी।

कारोबारी साल 2023-24 में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है। पहली तिमाही में यह 7.8 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है।

आर्थिक गतिविधि रेजिलिएंट बनी हुई है। ग्रामीण मांग में वृद्धि जारी है। मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट 6.75 फीसदी हो गई है। दास ने आगे कहा कि एसडीएफ दर अब 6.25 फीसदी हो गई है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी और सीआरआर 4.50 फीसदी हो गई है। केंद्रीय बैंक ने लोन ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। रेपो रेट 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो गई है। आरबीआई ने 6 फीसदी बार में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की।

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