जसवां-परागपुर में प्राइम लोकेशन वाली जगहों पर लगने चाहिए CCTV कैमरे: कैप्टन संजय

उज्जवल हिमाचल। जसवां-परागपुर

कैप्टन संजय ने कहा कि आम जनता की सुरक्षा के लिए जसवां-परागपुर क्षेत्र की सभी प्राइम लोकेशन वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्राें में आने वाले ही प्रवासी का स्थानीय पुलिस थाना और पंचायत में पंजीकरण होना चाहिए ताकि अगर कोई संदिग्ध है तो उस पर व्यापक तरीके से नजर रखी जा सके।
परागपुर में पराशर ने कहा कि बेशक स्थानीय पुलिस की मुस्तैदी से कई चोरी के मामलों को सुलझा लिया गया है, लेकिन ऐसे अपराधों की पुनरावृति न हो। इसके लिए तंत्र को सटीक व्यवस्था करने की आवश्यकता है।

संजय ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों और फेरीवालों को नियमानुसार पंजीकरण करवाना जरूरी है, लेकिन उनके संज्ञान में आया है कि कई स्थानों पर पंजीकरण के बिना भी प्रवासी रह रहे हैं और फेरी वाले गांवों में सामान बेच रहे हैं। कलाेहा, सरड़ डोगरी, शांतला और रककड़ क्षेत्र में आश्चर्यजनक रूप से भिखारियों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है।

पंजीकरण और पहचान के अभाव में अगर कोई वारदात होती है तो ऐसे लोगों तक पहुंचने में पुलिस को भी कठिनाई होती है। पराशर ने कहा कि संसारपुर टैरस में पिछले दिनों चोरी की तीन घटनाएं समाने आई थीं, जिनमें से दो मामलों को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है, लेकिन चोरी की वारदात में बंगाल के रहने वाले प्रवासी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि ये लोग कबाड़ का काम करते थे। संजय ने कहा कि डाडासीबा क्षेत्र में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। डाडासीबा में बकरियां चोरी होने का मामला रहस्यमयी बना हुआ है तो इसी कस्बे से गुम हुए मोटरसाइकल को भी पुलिस ने झाड़ियों के पीछे से बरामद किया था।

पराशर ने कहा कि पंजीकरण करवाने वाले प्रवासियों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में यह बात सामने आई है कि देहरा का थाना, जिसमें जसवां-परागुपर का भी काफी क्षेत्र आता है, में मात्र 316 प्रवासियों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।

ऐसे में समझा जा सकता है कि बड़ी संख्या में प्रवासी बिना पंजीकरण ही यहां पर काम कर रहे है। इसलिए पुलिस-प्रशासन को ऐसे लोगों पर पैनी नजर रखना बेहद जरूरी है। वहीं पंचायत प्रतिनिधियों को भी प्रवासियों व भिखारियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।

संजय ने कहा कि बिना पंजीकरण गांवों में घूम रहे फेरीवाले घरेलू उपयोग की कई वस्तुओं को सस्ते दामों में बेचने का दावा करते हैं, लेकिन इनके पास भी न तो कोई सामान बेचने का लाइसेंस और न ही कोई बिल होता है। ऐसे में दुकानदारों को नुकसान के साथ सरकारी राजस्व पर भी प्रभाव पड़ता है।इस पर भी तंत्र को ध्यान देना होगा।

पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के प्रवेश द्वारों और प्रमुख बाजारों में एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग) कैमरों की भी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कि अपराधी किसी वाहन मे वारदात को अंजाम देकर भागता है, तो समय रहते हुए उसे पकड़ा जा सके। इसके साथ ही प्रमुख गांवों में भी उत्तम क्वालिटी के नाइट विजन वाले कैमरे भी स्थापित होने चाहिए ताकि प्रत्येक गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा सके।