उज्ज्वल हिमाचल। पालमपुर
प्रख्यात कलाकार सोभा सिंह की 123वीं जयंती के अवसर पर कलाग्राम अंद्रेटा में उनकी जीवनी पर परिचर्चा आयोजित की गयी। शिक्षाविद् डॉ. आर.जी.सूद ने कहा कि देर से ही सही लेकिन हाल ही में ‘‘सोभा सिंह कलाकार: जीवन और विरासत‘‘ नामक प्रामाणिक जीवनी का प्रकाशन पाठकों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। यह शोधकर्ताओं और कला के छात्रों के लिए भी बहुत जानकारीपूर्ण होगा। यह पुस्तक विस्तृत जानकारी के साथ कलाकार के जादुई ब्रश स्ट्रोक के कारण उनके जीवन, संघर्ष और गौरव को उजागर करती है। कलाकार की सैन्य पृष्ठभूमि ने जीवन की प्रतिकूलताओं का सामना करने और ‘‘जनता के चित्रकार‘‘ के रूप में उभरने के लिए उनमें अनुशासन और दृढ़ संकल्प पैदा किया, क्योंकि उन्हें सम्मानपूर्वक याद किया जाता है ।
उन्होंने कहा कि कलाकारों ने गुरुओं, संतों, पैगंबरों, स्वतंत्रता सेनानियों, राष्ट्रीय नायकों, जनजातियों दुल्हनों, सेना के शहीदों और अन्य व्यक्तित्वों के चित्रों, प्रेम कथाओं, परिदृश्यों आदि को समान भक्ति और सूक्ष्म विवरण के साथ चित्रित किया है। उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान कलाकार को मिले व्यापक सम्मान और 37 साल पहले उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी विश्वव्यापी लोकप्रियता और बड़े पैमाने पर अनुयायियों के बारे में भी चर्चा की।
डॉ. सूद ने आने वाली पीढ़ी के लिए बिना किसी के सहयोग के निस्वार्थ रूप से अमूल्य चित्रों के राष्ट्रीय खजाने और कलाकृतियों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए दिवंगत कलाकार के परिवार की सराहना की। सोभा सिंह मेमोरियल आर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल बुटेल ने महान कलाकार के साथ अपने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा कि सोभा सिंह ‘‘धौलाधारों के संत थे‘‘ जिनकी स्मृति हिमालय की नदियों और घास के मैदानों के संगीत में गूंजती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और परिदृश्य को कलाकार के कई कार्यों में देखा जा सकता है।
उन्होंने स्थानीय प्रशंसक और मित्र ने उनके चित्र भी बनाए हैं। उन्होंने तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित अच्छी शोधपूर्ण पुस्तक के लिए लेखक की सराहना की। केजी बुटेल ने कहा कि आर्ट गैलरी के कारण जहां पर्यटन को बढ़ावा मिला है वहीं स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिल रहा हैं। लेखक डॉ हृदय पॉल सिंह ने बताया कि किताब पढ़ने के बाद बॉलीवुड के एक प्रमुख फिल्म निर्देशक ने कलाकार पर बायोपिक फिल्म बनाने के लिए उनसे संपर्क किया है। पुस्तक भारत में औपचारिक विमोचन की प्रतीक्षा कर रही है, लेकिन इसे कनाडा के सर्री में जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि कलाकार के पत्रों और उनके द्वारा लिखित पर एक और पुस्तक की योजना बनाई गई है।
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कुछ प्रतिभागी छात्रों ने वक्ताओं और लेखक के साथ भी बातचीत की। डॉ. मधुमीत सिंह ने बुधवार को समाप्त हुई अपनी फोटो प्रदर्शनी के विषयों पर बात की। इस अवसर पर लेखक रवि शर्मा और डॉ. वीरेंद्र कुमार ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सोभा सिंह कलाकार की बेटी गुरचरण कौर के अलावा कलाकारों, लेखकों, सोभा सिंह के प्रशंसकों और अनुयायियों और स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।