उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर
कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर देश में जारी लॉकडाउन के अंतर्गत कोरोना वॉरियर्स लगातार घर से बाहर निकल कर अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी से लड़ने में समाज की सहायता कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बल्ह उपमंडल के कोटली स्वास्थ्य ब्लाक के अंतर्गत पड़ने वाले सब-सेंटर कोठी में देखने को मिला। मामले में कोठी में कार्यरत आशा वर्कर दुर्गा देवी ने अकेले मोर्चा संभालते हुए देर रात बाहरी राज्यों से आए हुए 3 युवकों को क्वारंटीन में ठहरने का प्रबंध किया। मामले में कोठी पंचायत के 3 युवक गुड़गांव से अपनी निजी गाड़ी से घर पहुंचे। उन युवकों ने खुद ही यह निर्णय किया था कि वह अपने घर में ना जाकर 14 दिन तक अपने परिवार और समाज से दूरी बनाकर क्वॉरेंटाइन में रहेंगे।
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उन्होंने अपने आने की जानकारी आशा वर्कर को फोन पर पहले ही दी हुई थी। लेकिन वह देर रात तकरीबन 10 बजे कोठी पंचायत में पहुंचे और तब तक आशा वर्कर उनको ठहराने की व्यवस्था करने में अकेली ही लगी रही। उन लोगों के रुकने की व्यवस्था सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुरुकोठा में करने और उनको वहां पहुंचाने के बाद रात लगभग 11 बजे वह अपने घर गई। दुर्गा देवी ने कहा कि ऐसा करना ना केवल उनकी ड्यूटी थी बल्कि उनका सामाजिक कर्तव्य भी बनता था। लेकिन इस सारे मामले में ध्यान देने वाली बात ये भी है कि जहां एक अकेली आशा वर्कर देर रात तक अपने कार्य में लगी रही वहीं कोई भी पंचायत प्रतिनिधि मौके पर उनके साथ मौजूद नहीं था। जबकि इन कार्यों के लिए बकायदा सरकार द्वारा कमेटियों का गठन भी पंचायत स्तर पर किया गया है।