मानवता की सेवा के लिए संजय पराशर साधुवाद के हैं पात्र: आर्लेकर

सरस्वती विद्या मंदिर, नेरवा के भवन लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए संजय पराशर

Sanjay Parashar deserves thanks for serving humanity: Arlekar
सरस्वती विद्या मंदिर, नेरवा के भवन लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए संजय पराशर

शिमलाः प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि समाज में कमजोर वर्ग के उत्थान और मानवता की सेवा करने के लिए कैप्टन संजय पराशर साधुवाद के पात्र हैं। शुक्रवार को सरस्वती विद्या मंदिर, नेरवा (शिमला) के भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे आर्लेकर ने कहा कि पराशर ने अपने निजी संसाधनो से सामाजिक सरोकार निभाए हैं, वह सच में सभी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।

आर्लेकर ने कहा कि नेरवा के इस स्कूल के लिए भी पराशर ने ग्यारह लाख रूपए का योगदान देकर स्थानीय बच्चों के भविष्य को संवारने का प्रयास किया है। राज्यपाल ने कहा कि संजय पराशर ने कोरोनाकाल की घड़ी में महायोद्धा की तरह कार्य किया और वह लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों व उनके परिवारों के साथ निरंतर संपर्क में रहे।

करोड़ों रूपए की दवाइयां, मेडीकल उपकरण और ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी संजय द्वारा मुहैया करवाए गए। राजेन्द्र आर्लेकर ने नर सेवा नारायण सेवा के सिद्धांत को सही अर्थों में कैप्टन पराशर ने साबित किया है। सामज को एसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है और वह जनसेवक पराशर के इस जज्बे और नेक कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई देते हैं।

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आर्लेकर ने कहा कि संजय शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे सरोकारों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उनसे यही अपेक्षा व उम्मीद रहेगी कि भविष्य में भी पराशर इसी ऊर्जा व शक्ति के साथ सामाजिक कार्यों को अंजाम देते रहें। वहीं, बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष पधारे कैप्टन संजय ने कहा कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर उनके प्ररेणास्त्रोत हैं और उन्होंने अपने जीवन में आर्लेकर से बहुत कुछ सीखा है।

पराशर ने कहा कि अगर समाज से गरीबी दूर करनी है तो बच्चों के भविष्य को संवारने से प्रयास करना होगा। बच्चों के भाग्य से ही देश का भागय बनेगा। अगर भारत को फिर से विश्वगुरू बनाना है तो शिक्षा के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर जुनून से काम करना होगा। संजय ने कहा कि उनका प्रयास है कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएं।

यही वजह है कि जब वह सवा वर्ष पूर्व प्रदेश शिक्षा समिति के पदाधिकारियों के साथ सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि भवन की छत तो है, लेकिन आर्थिक कारणों से दीवारों का निर्माण कार्य पिछले चार वर्षों से अधूरा पड़ा है। कहा कि सर्दी के मौसम में विद्यार्थियों को ठिठुरने पर मजबूर होना पड़ता था, लेकिन अब भवन निर्माण के बाद क्षेत्र के बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ाई कर पाएंगे।

पराशर ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र जसवां-परागपुर में भी विद्यार्थियों व युवा के हित के लिए काम करने का प्रयास किया है। सरस्वती विद्या मंदिर, परागपुर में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण पर चालीस रूपए खर्च किए तो क्षेत्र में 40 इंगलिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर्स भी संचालित कर रहे हैं, जिसमें क्षेत्र के 2500 से ज्यादा विद्यार्थी व युवा अध्ययनरत हैं।

संजय ने कहा कि रोजगार को लेकर भी उन्होंने युवाओं को रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध करवाए हैं और अब तक एक हजार से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। इस अवसर पर चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा, शिक्षा समिति के अध्यक्ष मोहन कष्ट और विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकिंदर भी उपस्थित रहे।

ब्यूरो शिमला।

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