कोरोना वॉरियर्स की जेबों में डाका न डाले सरकार : रायजादा

स्वास्थ्य कर्मियों का एक दिन का वेतन काटे जाने का किया विरोध

पूजा शांडिल्य। ऊना

ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना वॉरियर्स की जेबों में डाका डालने जैसा काम न करे। एक तरफ जहां देश कोरोना की जंग में दिन रात ड्यूटी कर रहे बहादुर कोरोना वॉरियर्स को सम्मान देकर हौसला अफजाही कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की जयराम सरकार ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट लिया है। यह उनके खून पसीने की कमाई है। विधायक सतपाल रायजादा ने जयराम सरकार की इस करनी को निंदनीय करार दिया है। मंगलवार को जारी बयान में सतपाल रायजादा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी इन दिनों दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे है। अधिकारी हो या कर्मचारी इस कोरोना की जंग में डटे हुए हैं। लेकिन सरकार इन कर्मचारियों की मनोबल बढ़ाने की बजाय इस तरह से वेतन काट तर्कसंगत काम नहीं कर रही है। जो कर्मचारी या अधिकारी अपनी स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना अंशदान करना चाहते हैं, वह दिल खोल कर करें, लेकिन सरकार का यह जबरन कर्मचारियों की जेबों से कटौती करना सही निर्णय नहीं है।

रायजादा ने कहा की प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर एक रूपया प्रति लीटर वैट बढ़ा दिया है। अब डीजल और पेट्रोल दोनों ही एक-एक रूपया महंगे हो जांएगे। इन मुश्किल दिनों में जब समस्त देशवासी कोविड-19 की मार झेल रहे हैं और आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। सरकार ने लोगों को राहत देने की जगह उल्टा उनपर बोझ डालने का काम किया है। डीजल और पेट्रोल के मूल्य बढ़ाकर जनता पर अनावश्यक बोझ डाल दिया गया है। इस समय बसें चल नहीं रही हैं, निजी वाहन भी बिना अनुमति के बिना नहीं चल रहे हैं। प्रदेश की जनता भारी मुश्किलों का सामना करने को विवश है। उस पर उक्त दोनों पर दाम बढ़ने से हर वस्तु का दाम स्वाभाविक रूप से बढ़ना निश्चित है। अर्थात पहले ही मंहगाई और अब कोविड-19 से त्रस्त जनता को और दबाने का प्रयत्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा प्रदेश सरकार से अनुरोध है कि लोकहित में उपरोक्त बढ़ोतरी को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और कर्मचारियों के काटे हुए वेतन को वापिस किया जाए।

सतपाल रायजादा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना बीमारी के फैलने से बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बेरोजगारों को प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान किया जाए, जैसा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने किया था। दूसरे प्रदेशों की सरकारों की तरह लोगों के बिजली और पानी के बिल माफ किए जाएं तथा उद्योगों को बचाने हेतु अतिशीघ्र कोई नीति बनाई जाए।