प्रदेश के अनुसूचित जाति के संगठनों ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीतिक

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग के गठन की घोषणा के बाद अब अनुसूचित जाति के संगठनों ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। प्रदेश के अनुसूचित जाति के संगठनों द्वारा संयुक्त मोर्चा का गठन किया है, जो कि प्रदेश सरकार के समक्ष अनुसूचित जाति के लोगो पर हो रहे अत्याचार और समुदाय की मांगों को सरकार के समक्ष उठाएगा। रविवार को शिमला के कालीबाड़ी हाल बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग संगठनों के पधाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अनुसूचित जाति के लोगों अधिकारो की रक्षा करने और आगामी रणनीति तैयार की गई।

यह भी देखें : पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे से पहले सीएम ने उतारी ब्यास नदी की आरती

प्रदेश विश्व कर्मा विकास सभा के प्रदेश अध्यक्ष हीरामणि भारद्वाज ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों पर आज अत्याचार बढ़ रहे और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। प्रदेश में शरेआम एट्रोसिटी एक्ट की धज्जियां शव यात्रा निकाली जा रही हैं और कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे सामान्य आयोग के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट को खत्म करने की बात कर रहे है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दशत नहीं किया जाएगा।

अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आज समझ के सभी संगठनों ने एक संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया है, जिसमें संगठनों के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है, जो कि आगामी समय मे समाज के अधिकारों की रक्षा करने के साथ ही सरकार के समक्ष अपनी आवाज उठाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज भी दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिला में एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया और जांच एजेंसियां भी ठीक से काम नहीं कर रही हैं और अब संयुक्त मोर्चा समाज की लड़ाई लड़ेगा। ये मोर्चा गैर राजनीतिक है और भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही।