किसानों को परंपरागत तथा प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित व जागरूक करें वैज्ञानिकर: कृषि मंत्री

Scientists should encourage and make farmers aware for traditional and natural farming: Agriculture Minister
किसानों को परंपरागत तथा प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित व जागरूक करें वैज्ञानिकर: कृषि मंत्री

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा सूरियां
कृषि व पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वे अपने-अपने संस्थानों से बाहर निकलकर किसानों के खेत-खलिहान में जाकर उन्हें परंपरागत तथा प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित व जागरूक करें। जिससे किसान निश्चित रूप से लाभांवित व प्रेरित होंगें। यह विचार उन्होंने आज रविवार को कृषि विभाग के तत्वावधान में कांगड़ा ज़िला के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के नगरोटा सूरियां में आयोजित किसान मेले के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए व्यक्त किए।

इस मौके पर एसडीएम मोहिंद्र प्रताप सिंह, उप निदेशक(कृषि ) राहुल कटोच, परियोजना निदेशक(आत्मा) शशि पाल अत्री विशेष रूप से उपस्थित रहे। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में विभिन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए कृषि व पशुपालन व्यवसाय में काफी बदलाव लाने की आवश्यकता है।

Scientists should encourage and make farmers aware for traditional and natural farming: Agriculture Minister
किसानों को परंपरागत तथा प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित व जागरूक करें वैज्ञानिकर: कृषि मंत्री

जिसके लिए उन्होंने विभाग से अधिक से अधिक लोगों विशेषकर युवाओं को कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय में जोड़ने के साथ आगे आने के लिए प्रेरित करने हेतु आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों को नकदी फसलों के उत्पादन के साथ-साथ परम्परागत व प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी विशेष रूप से प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने लोगों को पारंपरिक खेती व नव उन्नत तकनीक के समावेश के लिए जागरुक एवं प्रोत्साहित करने के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के भी निर्देश दिए।

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खेतीबाड़ी-पशुपालन के ढांचे में लाएंगे बदलाव
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में खेतीबाड़ी और पशुपालन के ढांचे में बदलाव के लिए काम कर रही है। इस प्रकार की कृषि व्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयास हैं जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत बने। हमारी कोशिश है कि फसलों में रसायनों के प्रयोग को कम करने के साथ परम्परागत तथा अन्य ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए हिम उन्नति योजना आरंभ करने जा रही है। इसके तहत क्षेत्र विशेष की क्षमता के अनुरूप दूध, दालों, सब्जियों, फलों, फूलों, नगदी फसलों के क्लस्टर बनाए जाएंगे। उन्होंने समूचे विधानसभा क्षेत्र में इन कार्यों को कलस्टर आधारित बनाने के लिए कृषि, उद्यान, जल शक्ति, पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग को संयुक्त तौर पर कार्य करने का भी आह्वान किया।

किसानों को मिलेगा दूध का सही मूल्य
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध आधारित कारोबार की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये की हिम गंगा योजना आरंभ की जा रही है। इस योजना के माध्यम से दूध की खरीद, प्रोसेसिंग, वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा। इससे पशुपालकों को दूध का सही मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के साथ उन्हें स्वरोगार से जोड़ा जाए।

सरकार किसानों से गाय का दूध 80 रुपये और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदेगी। जिससे अलग-अलग उत्पाद तैयार कर बाज़ार में बिक्री किए जाएंगे। प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य क्षेत्र में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी सभी दस गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी।

जिसमें से 1 लाख 36 हज़ार कर्मियों की ओपीएस को बहाल कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रथम चरण में 2 लाख 31 हज़ार महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह की राशि शीघ्र जारी की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एक वर्ष में एक लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। जिसके लिए सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब परिवार के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाएगी ताकि कोई भी युवा धन के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे।

पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित होगा कांगड़ा
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में एशियन विकास बैंक की सहायता से 1311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू की जा रही है। इससे प्रदेश में पर्यटन को नए पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। जिसके अंतर्गत पौंग डैम को भी विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने के प्रयास किये जायेंगे जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में इजाफा होगा।

इससे पहले, उपनिदेशक (कृषि) राहुल कटोच ने कृषि मंत्री का स्वागत करते हुए विभागीय गतिविधियों बारे जानकारी दी। किसान शिविर में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों, पशु चिकित्सकों तथा इफको के अधिकारियों ने किसानों को कृषि व पशुपालन तथा उर्वरकों के प्रयोग की नवीनतम जानकारियों से अवगत करवाया। इस मौके पर आयोजित किसान मेले में बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों ने भाग लिया। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। जिसमें नवीनतम तकनीकों, इफको खाद, सब्जियों, कृषि यांत्रिकरण, कृषि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। उन्हें कृषि मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर नायब तहसीलदार तारा चंद, बीडीओ नगरोटा सूरियां श्याम सिंह, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चैन सिंह गुलेरिया, आईएमसी के अध्यक्ष मनु शर्मा, उपनिदेशक(पशुपालन) डॉ. संजीव धीमान, मंडलीय भू-सरंक्षण इंजीनियर श्याम सिंह ठाकुर, उपमंडलीय भू-सरंक्षण अधिकारी फतेहपुर राकेश पटियाल, नूरपूर शैलेश पाल सूद, इफको के एरिया मैनेजर श्रेय सूद, एसएमएस कृषि नगरोटा सूरियां राज कुमार भारद्वाज, कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा के वैज्ञानिक डॉ. दीप कुमार, हिमालयन एग्रोस लिमिटड की एमडी डॉ. गायत्री टंडन, कांग्रेस नेता राज शहरिया, अश्वनी चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

नगरोटा सूरियां से ब्यूरो रिपोर्ट

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