उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन मेगा मॉक ड्रिल कार्यक्रम के अंतर्गत कांगड़ा उपमंडल में भी इस मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में डीडीएमए के आदेशानुसार समस्त विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल की देखरेख में किया गया। इस मेगा मॉक ड्रिल में समस्त विभागों के अधिकारी, कर्मचारी जैसे स्वास्थ्य, पुलिस विभाग, अग्निशामक, होमगार्ड, खाद्य आपूर्ति, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, एचआरटीसी, शिक्षा, आईपीएच, बिजली, फॉरेस्ट, एसडीआरएफ मौजूद रहे। इस मॉक ड्रिल में प्रशासन के लगभग सभी विभागों ने अपना अपना काम बखूबी निभाया।
मॉक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम आपदा के खतरे से निपटने के लिए स्टेजिंग एरिया, ऑपरेशन, कंट्रोल, लॉजिस्टिक और प्लानिंग रूम स्थापित किया गया। आपदा की सूचना मिलते ही सर्वप्रथम स्थानीय प्रशासन द्वारा समस्त विभागों को इसकी सूचना दी जाती है और साथ ही उनके पहुंचने तक स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रारंभिक सहायता देने का प्रयास किया जाता है और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र से लोगों को समय रहते चेतावनी का मैसेज दिया जाता है।
सभी टीमें घटनास्थल पर पहुंचती है और घटनास्थल से हताहत लोगों को निकालती हैं। इन सभी दुर्घटना का शिकार हुए लोगों की मौके पर मौजूद डॉक्टर की टीम द्वारा जांच की जाती है और इन्हें फर्स्ट एड दी जाती है साथ ही सभी मरीजों की उनकी हालत के अनुसार विभिन्न रंगों की पट्टियां बांधकर टैगिंग की जाती है जिससे यह पता लगाया जाता है कि कौन मरीज अधिक सीरियस है किसे जल्दी हॉस्पिटल भेजना है और किसे फर्स्ट एड देने की जरूरत है। टैगिंग करने के उपरांत अधिक गंभीर मरीजों को अस्पताल भेजा जाता है और कम गंभीर मरीजों को बेस कैंप में ले जाया जाता है जहां इन मरीजों की डॉक्टरों द्वारा अच्छे से जांच की जाती है। जांच करने के उपरांत सही हालत वाले मरीजों को खाने की सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है और फौरी राहत के तौर पर राशि उपलब्ध करवाई जाती है।
इस बचाव कार्य के साथ-साथ ही लैंडस्लाइडिंग वाले एरिया में टीम पहुंचकर रास्ते को आवाजाही योग्य बनाती हैं ताकि वाहनों को आने जाने में और मरीजों को ले जाने में किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न ना हो। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की एसडीआरएफ टीम द्वारा जांच की जाती है और फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जाता है। मॉक ड्रिल होने के उपरांत इस अभ्यास से प्राप्त सीख, अनुभव, सकारात्मक पहलू और नकारात्मक पहलुओं की फीडबैक ली गई। एसडीएम कांगड़ा ने कहा कि आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न विभागों में आपसी तालमेल होना सबसे जरूरी है।
उन्होंने कहा एक सही स्टेजिंग एरिया को स्थापित करना जहां से पूरे कार्य को कंट्रोल किया जा सके यह महत्पूर्ण है। लोगों तक जल्दी से जल्दी समय पर आपदा की स्थिति की जानकारी पहुंचानी चाहिए। उन्होंने कहा ऐसे समय से निपटने के लिए सभी को आपदा मित्रों की तरह की ट्रेनिंग करनी चाहिए। मेगा मॉक ड्रिल में एसडीएम कांगड़ा सहित तहसीलदार कांगड़ा मोहित रतन, डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, बीडीओ राजेश सिंह, नायब तहसीलदार पविंदर पठानिया, बीएमओ डाक्टर विक्रम कटोच, एसएमओ कांगड़ा डाक्टर अल्पना, डाक्टर अंकुश, दीक्षित, सुभाष चंद, चमन लाल, विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी और आपदा मित्र मौजूद रहे।