शक्तिपीठ ज्वालामुखी में गुप्त नवरात्र का समापन

पंकज शर्मा । ज्वालामुखी

विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्रीज्वालामुखी मंदिर में विश्व कल्याण व विश्व शान्ति व वैश्विक महामारी कोरोना के नाश के लिए नौ दिन से चल रहे गुप्त नवरात्रों का विधिवत समापन हो गया। इसके साथ माता ज्वाला के प्रकटोत्सव पर देर रात पुजारी आचार्य द्वारा माता ज्वाला का बिशेष पूजन किया गया और सादगी से माता का जन्मदिन मनाया गया।

यज्ञ शाला में मंदिर अधिकारी जगदीश शर्मा व पुजारी वर्ग ने वैदिक मंत्रों से हवन यज्ञ किया। मंदिर न्यास सदस्य पुजारी मधुसूदन शर्मा व प्रशांत शर्मा ने बिधिवत मंत्रोउच्चारण से आहुतियां डलवाई। इसके बाद मंदिर अधिकारी ने कन्या पूजन किया। पुजारी सौरव शर्मा ने बताया कि इन गुप्त नवरात्रो में गणपति का सवा लाख, गायत्री सवा लाख, बटुक भैरव सवा लाख, ज्वालामुखी मूल मंत्र सवा 5 लाख की संख्या में किया गया। इसके साथ दुर्गा सप्तशती के 100 पाठ भी किए गए।

उन्होंने बताया कि मां के आशीर्वाद से विश्व में शांति व जनकल्याण की भावना लोगों में हो और वैश्विक महामारी कोरोना का नाश हो इसी उद्देश्य की कामना के लिए यह अनुष्ठान किया गया। विश्व शांति व जनकल्याण के लिए पुजारी महासभा, मंदिर न्यास के सहयोग से इस आयोजन को सदियों से करती चली आ रही है, लेकिन इन गुप्त नवरात्रों में कोई भी श्रद्धालु मंदिर में दर्शन नहीं कर पाया।

सिर्फ पुजारी वर्ग ने सोशल डिस्टेंन्स में प्रसाशन के नियमों के अनुसार जप व पाठ किया। मंदिर अधिकारी जगदीश शर्मा ने नवरात्रो के समापन के लिए सभी का धन्यबाद किया और माता से प्रार्थना की विश्व का कल्याण हो पूरे विश्व मे वैश्विक महामारी का नाश हो और गुप्त नवरात्रों की देश और प्रदेशवासियाें को शुभकामनांए दी।

गुप्त नवरात्र महत्व व पूजन
गुप्त नवरात्रि बिशेषकर तांत्रिक क्रिया, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए बिशेष महत्व रखती है, साधक कड़े नियमों के साथ व्रत व साधना करते हैं और दुर्लभ शक्तियां प्राप्त करते हैं। गुप्त नवरात्रि में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का बिशेष पूजन भी किया जाता है।