सोसाइटियों में कृषि विभाग द्वारा भेजे बीज खत्म

नियमों को दरकिनार कर किराना व जेनरल स्टोर में बिक रहे बीज

एसके शर्मा। बड़सर

उपमण्डल बड़सर के अंतर्गत विभिन्न बाज़ारों में नियम कायदों को ताक पर रखकर बीज व दवाइयां बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। यहां बिना किसी रजिस्ट्रेशन के किराना व जेनरल स्टोरों में धड़ाधड़ बीज बेचे जा रहे हैं। जबकि नियमों के मुताबिक केवल सम्बंधित विभाग से रजिस्टर्ड दुकानदार ही किसानों को बीज व अन्य कृषि सामग्री बेच सकते हैं। रजिस्टर्ड बीज विक्रेता विभाग द्वारा दवाइयों व बीज बेचने के लिए प्रशिक्षित भी किये जाते हैं। जिनसे किसान बीजों व दवाइयों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करते हैं।

बताते चलें कि उपमण्डल के कई स्थानों पर ये गोरखधंधा कई वर्षों से चला हुआ है। अनाधिकृत व्यापारियों द्वारा किसानों को किरयाना, जनरल स्टोर व अन्य दुकानों से बीज बेचे जा रहे हैं। चरी बाजरा के बीज के दाम 270 से 300 रुपए प्रति किलो तक लिए जा रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग किसानों को सब्सिडी पर बीज़ मुहैया करवाता है लेकिन सोसाइटियों में मात्र कुछ दिनों में ही स्टॉक खत्म हो जाने व लाकडाउन के चलते किसान मजबूरी में लुटने पर मजबूर हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों की सहूलियत के लिए उनकी अपनी सोसाइटियों में बीजों की खेप भेजी गई थी। लेकिन डिमांड व स्टॉक में अंतर के कारण कई किसान बीजों से वंचित रह गए हैं। पशोपेश में फंसे किसान अनिधकृत दुकानदारों के चंगुल में फंसकर बीज खरीदने पर मजबूर हैं।

कृषि विभाग द्वारा ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही न करने से समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।कृषि विभाग से लम्बा प्रशिक्षण लेने वाले बीज विक्रेता भी ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते रहे हैं। कृषि विषयवाद विशेषज्ञ हेमराज वर्मा का कहना है कि केवल अधिकृत विक्रेता ही बीज बेच सकता है। मामले पर हमारी नजर है शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।