उज्जवल हिमाचल। ज्वाली
कहते हैं कि हुनर छुपता नहीं और जज्बे को दबाया नहीं जाता। इसी सोच के बादशाह दिलवर हीरा जिनकी जन्म भूमि लुधियड़ और और शिक्षा साथ लगते गांव सिद्धपुर घाड के स्कूल से प्राप्त हुई। दिलवर हीरा में लोकसेवा की भावना बचपन से ही दिखाई देती थी और देश सेवा दिलवर हीरा के परिवार में पीढी दर पीढ़ी चलती आई है। बता दें कि दिलवर हीरा के परिवार में दादा, पड़दादा से लेकर आज भी देश सेवा में व्यस्त है । दिलवर हीरा खुद भी एयर फोर्स से सेवानिवृत है और वर्तमान में बतौर लेबर मिनिस्ट्री में डायरेक्टर के पद पर पंजाब के लुधियाना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दिलवर हीरा ने अपने बड़े भाई शहीद लखवीर सिंह हीरा की याद में एक चेरिटेबल सोसाइटी रजिस्टर करवाकर लोक सेवा का कार्य भी शुरू किया हुआ है।
इस सोसायटी के माध्यम से गरीब लोगों की सहायता करना, लड़कियों की शादी में आर्थिक सहायता करना, लड़कों को खेलों के प्रति जागरूक करना, सरकारी स्कूलों के बच्चों को खेल का सामान व ट्रैक सूट देकर अपने मन की शांति को बरकरार कर रहे हैं। आज भी दिलवर हीरा ने ज्वाली शिक्षा खंड के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मैरा में छठी और सातवीं कक्षा के बच्चों को 45 ट्रैक सूट भेंट किए। स्कूल के प्रधानाचार्य अश्वनी शर्मा ने दिलवर हीरा द्वारा गरीब बच्चों को जो ट्रैक शूट भेंट करके जो पुण्य कार्य किया है काबिले तारीफ है। भविष्य में भी इसी तरह के कार्य करने की कामना की है और साधन संपन्न लोगों से भी अपील की है कि गरीब बच्चों के अंदर छुपे भविष्य को निखारने के लिए बच्चों की जरूरतमंद व स्कूल के सौंदर्य को संवारने के लिए आगे आएं ताकि हमारे गरीब बच्चों के अंदर छुपी काबिलियत सामने आए।
संवाददाता : चैन गुलेरिया