एसके शर्मा। बड़सर
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश भर में मंदिरों के बंद होने के कारण दुकानदारों की हालत कारण काफ ी खस्ता है। प्रदेश सरकार के द्वारा दुकानों को खोलने के लिए 7 घंटे की जो छूट दी गई है। उसमें भी इन दुकानदारों का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अगर मंदिर खुलेंगे तभी यहां पर श्रद्धालु आएंगे और श्रद्धालु आएंगे तभी यहां रोजगार होगा। लगभग दो माह से मंदिरों की दुकान में बंद पड़ी हुई है, जिस कारण बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध मंदिर के दुकानदार काफी परेशान हैं।
दियोटसिद्ध मंदिर के दुकानदारों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 13 मार्च से 14 अप्रैल तक हर साल चैत्र मेले लगते हैं और इस वर्ष भी काफी जोरों शोरों से इस मेले का शुभारंभ हुआ था, लेकिन 17 मार्च को दियोटसिद्ध मंदिर बंद होने के कारण यहां पर रोजगार बिल्कुल ही बंद हो गया था। दियोटसिद्ध बाजार के दुकानदारों के द्वारा पूरा एक महीने में जो सामान लगता है, वह पहले ही स्टोरों में रख लिया जाता है।
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अब स्टोर रूम में रखा सामान भी बर्बाद हो रहा है। लोगों के द्वारा फरवरी महीने के अंत में ही चैत्र मास मेले के स्टॉक का सामान ले लिया जाता था और उसे स्टोर रूम में रख लिया जाता था। यह दुकानदार सामान को उधार में लेते थे और मेला लगने के उपरांत इस सामान का पैसा आढ़तियों को देते थे, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण यह सामान लोगों के स्टोरों में ही रह गया, और स्टोरों में यह सामान बर्बाद हो रहा है।
दियोटसिद्ध मंदिर बंद होने के कारण अब बंदरों का आतंक मचाया हुआ है। दुकानदारों को काफी चिंता सता रही है कि एक तो उनको समान के पैसे देने हैं, दूसरा जो समान है वह भी खराब हो रहा है। दियोटसिद्ध बाजार के दुकानदारों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उनके बारे में भी कुछ सोचा जाए। उन्होंने कहा कि उनको बिना ब्याज के इस तरह की लोन की स्कीम दी जाए, ताकि वह अपने इस घाटे को भर सकें।
गौर रहे कि दियोटसिद्ध के अप्पर व लोअर बाजार में लगभग 200 दुकानें हैं। दियोटसिद्ध में काफी लोगों का रोजगार यहां से चलता था, लेकिन करोना वायरस के कारण यहां का रोजगार बिल्कुल ही ठप हो गया है। उधर, दियोटसिद्ध मंदिर अधिकारी ओपी लखनपाल ने बताया कि दियोटसिद्ध मंदिर के बंद होने के कारण यहां के दुकानदारों का व्यापार ठप हुआ है। उन्होंने कहा कि मंदिर के खोलने पर सरकार ही निर्णय ले सकती है।