आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों को लेकर 11 जुलाई को हल्ला बोलेगी CITU

उज्जवल हिमाचल। शिमला

आंगनबाड़ी वर्करज़ एवंम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का शिमला सम्मेलन किसान मजदूर भवन शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। पिंगला गुप्ता को अध्यक्ष, खीमी भंडारी को महासचिव, रीना देवी को कोषाध्यक्ष, मीना मेहता, आशा देवी, मोहिनी, हरदेई को उपाध्यक्ष, लता, शांता देवी, सत्या को सचिव, गीता, रमा, खेमा, स्नेहलता, प्रभा, कल्पना, ऊषा, लता, गंगेश्वरी, सुनीता, मीना, रोशनी व मीनाक्षी को कमेटी सदस्य चुना गया। सम्मेलन ने निर्णय लिया कि आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों को लेकर 11 जुलाई को मांग दिवस मनाया जाएगा। आंगनबाड़ी कर्मी 26 से 29 जुलाई तक अपनी मांगों को लेकर चार दिन तक दिल्ली में महापड़ाव करेंगे।

सम्मेलन का उद्घाटन सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को तीस के बजाए सौ प्रतिशत नियुक्ति दी जाए। इस नियुक्ति प्रक्रिया में 45 वर्ष की शर्त को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि वे पहले से ही काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं।

मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को पूर्ण कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व उन्हें आंगनबाड़ी कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत वर्ष 2013 की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए। सुपरवाइजर नियुक्ति में आंगनबाड़ी कर्मियों की नब्बे प्रतिशत भर्ती सुनिश्चित की जाए व इसकी पात्रता के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य किया जाए।

वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास तथा दस साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले कर्मियों की सुपरवाइजर श्रेणी में तुरन्त भर्ती की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को अन्य राज्यों की तर्ज़ पर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उन्हें वर्ष 2013 व 2014 में हुए 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व श्रम कानूनों के दायरे में लाया जाए।

उन्हें हरियाणा की तर्ज़ पर साढ़े ग्यारह हजार रुपये वेतन दिया जाए। उनकी रिटायरमेंट की आयु अन्य राज्यों की तर्ज़ पर 65 वर्ष की जाए। अन्य राज्यों की तर्ज़ पर उन्हें दो लाख रुपये ग्रेच्युटी, तीन हज़ार रुपये पेंशन, मेडिकल व छुट्टियों आदि की सुविधा लागू की जाए।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला महासचिव अजय दुलटा,बालक राम व हिमी देवी ने कहा कि नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,पोषण ट्रैकर ऐप व बजट कटौती आदि मुद्दों पर अगर ज़रूरत हुई तो हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश आदि की तर्ज़ पर हिमाचल प्रदेश के आंगनबाड़ी कर्मी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने से भी गुरेज़ नहीं करेंगे।

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में आइसीडीएस के निजीकरण का एजेंडा छिपा हुआ है। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।