नेशनल डाक्टर डे पर “उज्जवल हिमाचल” की डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के SMS से विशेष वार्ता

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हर वर्ष नेशनल डाक्टर डे एक थीम पर मनाया जाता है। डाक्टर्स के योगदान को सम्मान देने के लिए हर वर्ष एक जुलाई को मनाया जाता है। वहीं, वर्तमान में जहां संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से ग्रसित में डॉक्टर फ्रंट लाइन योद्धा के रूप में सामने आए हैं। इस वर्ष देश में नेशनल डाक्टर डे की थीम कोरोना को लेकर “कोविड-19 की मृत्यु दर कम करना” रखी गई है।

इसको लेकर “उज्जवल हिमाचल” द्वारा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक के सीनियर मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डा. जीवानंद चौहान के साथ विशेष वार्ता की गई। इस अवसर पर डा. जीवानंद चौहान द्वारा कोविड-19 की रोकथाम को लेकर फ्रंटलाइन वारियर्स के तौर पर अपना कर्तव्य निभाने के सभी डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल होने को लेकर नेरचौक मेडिकल कॉलेज में विभिन्न जिलों के कोविड मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर कोविड के फैलाव को कम करने की थीम को डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा बखूबी से निभाने पर बधाई दी। बता दें कि पहली जुलाई को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि पर उनके सम्मान में हर साल नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।

उनके सम्मान में इसी दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी का सम्मान कर श्रद्धांजलि दी जाती है। इसके अलावा यह खास दिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले उन तमाम डॉक्टरों को समर्पित है जो हर परिस्थिति में डॉक्टरी मूल्यों को बचाए रखते हुए अपना फर्ज निभाते हुए मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहिया कराते हैं। भारत सरकार ने सबसे पहले नेशनल डॉक्टर डे साल 1991 में मनाया था।