शैलेश शर्मा। चंबा
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी चंबा ओंकार सिंह ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा चार माह का टैक्स माफ कर दिया गया है। लिहाजा पहली अप्रैल,2020 से 31 जुलाई,2020 तक किसी भी ट्रांसपोर्टर को टैक्स जमा करवाने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने यह निर्णय कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन व कर्फ्यू के चलते परिवहन सेवाएं ठप्प होने के कारण लिया है। वहीं, चंबा जिला के दूर-दराज क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीण लोग जोकि महीनों से बस सेवा नहीं चलने से परेशान है।
उनका कहना है कि सरकार ने जिनकी बसे हैं, उनका टैक्स माफ करके बहुत अच्छा किया पर जिन लोगों के पास आने जाने का कोई साधन नहीं है। अब हालात ठीक होने पर सरकार उनके बारे में भी सोचे और कम से कम छोटे-छोटे क्षेत्राें में तो गाड़ियों को तो चलाएं। प्रदेश सरकार के इस फैसले से बस ऑपरेटरों के साथ निजी टैक्सी वह अन्य माल वाहक वाहनों के टैक्स माफ़ करने का आम जनता ने स्वागत किया है, पर वहीं ग्रामीण लोगों ने अपनी समस्याओं के बारे भी बताया।
इन लोगों ने कहा कि अगर सरकार सड़कों पर नहीं चल रही बसों का टैक्स माफ़ कर रही है, तो अब हालात सामान्य होने पर इन बसों काे सड़कों पर भी चलना चाहिए। इन लोगों ने बताया कि हम लोग जैसे की गांव से आते हैं, तो हमारे पास आने-जाने का कोई साधन नहीं है।इसलिए सरकार को चाहिए कि लोगों की सुविधा को देखते हुए जल्द से बसों को चलाया जाए, ताकि आने -जाने वाले लोगों को इसकी सुविधा मिल सके। पिछले दो महीनो से जिस तरह से लॉकडाउन और कर्फ्यू के दौरान लोगों का घर से निकलना बंद हो चूका था।
ऐसे में निजी बस ऑपरेटरों ने भी अपनी सभी बसों को खड़ा करके देश हित की मिसाल को पेश किया था, परंतु अब जैसे ही थोड़े बहुत हालात सामान्य होने लगे हैं, तो निजी बस ऑपरेटर फिर से काम चले सरकार से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनकी गाड़ियों को भी सामान्य तौर पर चलाया जाए, जिसमें उनका कोई नुकसान न हो। इन ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार का टैक्स माफ़ करने पर दिल की गहराइयों से धन्यवाद करते हुए कहा कि इस लॉकडाउन के दौरान हम सभी निजी ऑपरेटरों की हालत बहुत ही खस्ता हो चुकी थी, पर सरकार ने इन चार महीनों के टेक्स माफ़ी से हम सभी लोगों को बड़ी राहत
मिली है।
इन लोगों का यह भी कहना है कि सरकार निगम की गाड़ियों को तो आधी सवारियों को बिठाकर भी इन गाड़ियों को चला सकती है, पर इतनी कम सवारियों को लेकर कैसे अपनी इन गाड़ियों को चलाएं। इससे तो हमारा गाड़ी में पड़ने वाले डीज़ल का खर्चा भी पूरा नहीं होगा, तो बाकि के खर्चे कहां से पुरे हो सकते हैं। इसलिए सरकार इस बारे में भी सोचे। इन लोगों का यह भी कहना है कि बैंक के कर्जों से जो हम लोगों ने यह गाड़िया ले रखी हैं। ऐसे में उनकी किस्तों के साथ अन्य खर्चे पुरे करना बड़ा ही मुश्किल है।
अगर सरकार इस बारे ठीक से मापदंड तैयार नहीं करती है, तो हम लोगों को यह गाड़ियां बेचनी पड़ेंगी। इस बारे हमारी टीम ने आरटीओ चंबा से बात की, तो उन्होंने बताया कि करोना महामारी के दौरान चंबा के सभी सरकारी व गैर सरकारी लोगों ने इस दौरान अपनी गाड़ियों को बंद कर दिया था, पर वहीं सरकार द्वारा इनकी मुश्किलों को देखते हुए रियात के तौर पर सार्वजनिक सेवाएं वाहनों, माल वाहक वाहनों, शिक्षण संस्थानों की बसों, निजी सेवा वाहनों के टोकन टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स (विशेष पथ कर) में छूट दी गई है।
इसके अलावा जिन ट्रांसपोर्टरों ने मार्च माह में टैक्स जमा नहीं करवाया था, वे अगस्त माह में टैक्स जमा करवा सकेंगे। वहीं, हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक अधिकारी ने
बताया कि इन ऑपरेटरों की इस जायज मांग को देखते हुए सरकार से आग्रह किया जाएगा सवारियों को और कितना बिठाया जाएगा। यह सरकार को बता दिया जाएगा और जैसे भी वहां से निर्देश आएंगे, इनको बता दिया जाएगा, जंहा तक टैक्स को लेकर बात है, वह सभी प्रकार के टेक्स सरकार ने माफ़ कर दिए हैं।