उज्जवल हिमाचल। शाहपुर
शाहपुर स्थित हाईट ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस में दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण प्रक्रिया में नवीनतम दृष्टिकोण, नवाचार और आधुनिक पद्धतियों से परिचित कराना था। इसमें संस्थान के प्रबंध निदेशक श्री दुश्यंत कायस्था, चेयरमैन श्री रमन कयस्था, प्रधानाचार्य डॉ. अर्जुन कुमार, और डीन अकादमिक्स प्रोफेसर नरेश शर्मा के साथ अन्य शिक्षक भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पहले सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. अतुल ठाकुर, जो वर्तमान में सरकारी डिग्री कॉलेज धर्मशाला में कार्यरत हैं, ने एक्सपेरिएंशल लर्निंग पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि यह शिक्षण पद्धति छात्रों को व्यावहारिक अनुभवों और वास्तविक जीवन की स्थितियों के माध्यम से सीखने में मदद करती है।
डॉ. ठाकुर ने समझाया कि पारंपरिक शिक्षण के बजाय, अनुभव आधारित शिक्षण में छात्रों को क्रियात्मक रूप से शामिल किया जाता है। यह उन्हें पाठ्यक्रम की अवधारणाओं को गहराई से समझने और उनका व्यावहारिक उपयोग करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षकों को प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण, केस स्टडी, फील्ड वर्क और अन्य व्यावहारिक गतिविधियों को अपने शिक्षण में शामिल करना चाहिए।
दूसरे सत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय शाहपुर के डॉ. पंकज कुमार ने क्रिटिकल थिंकिंग और क्रिएटिव थिंकिंग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि तार्किक सोच ( Critical Thinking) छात्रों को समस्याओं का गहराई से विश्लेषण करने और ठोस निर्णय लेने में मदद करती है। दूसरी ओर, रचनात्मक सोच (Critical Thinking) छात्रों में नवीनता और नवाचार को प्रोत्साहित करती है।
डॉ. पंकज ने बताया कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में इन दोनों कौशलों का विकास छात्रों के लिए आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि वे छात्रों के साथ खुले संवाद करें, उन्हें जटिल प्रश्न पूछने और नए विचार प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कुछ तकनीकों जैसे ब्रेनस्टॉर्मिंग, डिजाइन थिंकिंग और समस्या-समाधान आधारित शिक्षण के उदाहरण भी साझा किए।
कार्यक्रम में शिक्षकों ने अपनी शंकाओं और अनुभवों को साझा करते हुए सत्र को और भी संवादात्मक और उपयोगी बनाया। इस आयोजन ने शिक्षकों को अपने शिक्षण में नवाचार लाने और छात्रों के लिए अधिक प्रभावी शिक्षण अनुभव तैयार करने की दिशा में प्रेरित किया