दो विभागों की आपसी लडाई में चक्की राजमार्ग पुल का भविष्य लटका अधर में

The future of the Chakki Highway bridge hangs in the balance between the two departments
दो विभागों की आपसी लडाई में चक्की राजमार्ग पुल का भविष्य लटका अधर में

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
आईआईटी रुड़की ने नूरपुर के कंडवाल में पठानकोट-मंडी एनएच पर अंतर-राज्य चक्की राजमार्ग पुल की सुरक्षा के लिए कई उपचारात्मक उपायों का सुझाव दिया है। पुल के दो पिल्लर जो पिछले साल अगस्त में भारी बाढ़ के कारण नदी के किनारे से उजागर हुए थे। एनएचएआई ने उक्त पिलरों के संरक्षण कार्य पर लाखों रुपये खर्च किए थे।

लेकिन उक्त पिल्लरों में इस्तेमाल की जाने वाली पूरी सामग्री पिछले साल 25 सितंबर को एक महीने के बाद आई बाढ़ में बह गई थी। तब से बसों और ट्रकों जैसे भारी परिवहन वाहनों के लिए पुल को बंद कर दिया गया था। एनएचएआई ने आखिरकार इस पुल की सुरक्षा के लिए आईआईटी रुड़की से तकनीकी मार्गदर्शन मांगा।

रुड़की से आये विशेषज्ञों की एक टीम ने पिछले साल 5 दिसंबर को पुल का निरीक्षण किया था और पुल के स्तंभों की स्थिति की समीक्षा की। टीम ने एनएचएआई द्वारा किए गए संरक्षण कार्य से असंतुष्टि जताई। टीम ने पुल की संरचना और चक्की के बहाव की विस्तृत तकनीकी जानकारी भी ली थी।

यह भी पढ़ेंः प्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट शिक्षा जगत के‌ लिए निराशाजनकः ABVP

स्थानीय लोगों द्वारा कई बार आरोप लगाये गये थे कि उपनदी में पुल के पास अवैध और अवैज्ञानिक ढंग से खनन किया जा रहा है। इसके लिए कई बार प्रशासन और खनन विभाग को ज्ञापन सौंपे गए लेकिन राज्य के अधिकारी इस खतरे की जांच करने में विफल रहे।

एनएचएआई से एकत्रित आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आईआईटी रुड़की ने पुराने क्षतिग्रस्त अंतर-राज्य चक्की रेलवे पुल से 3 मीटर नीचे की नींव से 12 मीटर चक्की नदी के ऊपर 335 मीटर लंबी दीवार के निर्माण का सुझाव दिया है। इसने 10 मीटर के प्लेटफॉर्म के निर्माण और बोल्डर के ऊपर से भरने के निर्माण की भी सलाह दी है। इस ठोस मंच के साथ, 10 मीटर चौड़ा और 1 मीटर ऊंचे स्कोर एप्रन के निर्माण की सलाह दी गई है ताकि नदी में तेज पानी के बहाव के प्रभाव को कम किया जा सके।

इसके अलावा, विशेषज्ञों ने 3 मीटर नींव से लेकर और नदी के ऊपर 2 मीटर के साथ 150 मीटर लंबी एक ओर दीवार उठाने का भी सुझाव दिया है। विकास सूरजवाला, परियोजना निदेशक एनएचएआई, पालमपुर के अनुसार आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से प्राप्त तकनीकी रिपोर्ट के बाद एस्टीमेट रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे एनएचएआईं के उच्च अधिकारियों को इसके वित्तीय बजट के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, चक्की राजमार्ग पुल के पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सुझाए गए व उपचारात्मक उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुल के पिल्लरों के पूर्ण संरक्षण तक इस पुल को भारी वाहनों के लिए खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उधर हल्के के जन समुदाय का कहना है कि इस मामले में भारत सरकार से दो विभागों की आपसी लडाई में जनहित का भविष्य अधर में लटक गये है।

संवाददाताः विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।