नूरपुर: जनजातीय सामुदायिक भवन स्थानांतरित करने का मामला राष्ट्रीय जन जातीय आयोग में पहुंचा

विनय महाजन। नूपपुर

नुरपुर जन-जातिय भवन को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के संबंध में अब मामला राष्ट्रीय जन जातीय आयोग में पहुंच गया है। देश व प्रदेश के किसी भी जनजातीय प्रोजेक्ट के अन्तर्गत विकास कार्यों को रोकना भी किसी अपराध से कम नहीं है।

यह जानकारी नुरपुर में अखिल भारतीय गद्दी जनजातीय विकास समिति के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन भरमौरी ने आज नुरपुर मे मीडिया के लोगों को दी। उन्होंने एक प्रैस विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य अनत नायक भारत सरकार जनजातीय भवन नई दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल मन्डल की इस समस्या को वडी गम्भीरता से सुना तथा आश्वासन दिया कि मामला हिमाचल सरकार व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष जनजातीय लोगों के हित में लाया जाएगा।

उन्होंने यह भी मामला नूरपुर के स्थित जसूर में जिला कांगड़ा के जनजातीय भवन निर्माण कार्य ना करने के बारे में अवगत करवाया । गद्दी समुदाय एक जन-जातिय समुदाय है जो जिला कांगड़ा वह चंबा जिला के पागी व भरमौर मैं काफी संख्या में निवास करते हैं। नूरपुर मे जन-जातिय का कोई भी भवन समुदाय के समारोह एवं अन्य सुविधा के लिए नहीं था।

जिससे जन-जातिय समुदाय के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। गद्दी जन-जातिय लोग गरीब जन-जातिय समुदाय हैं। गद्दी जन-जातिय लोगों की काफी समय से मांग थी कि समुदाय की सुविधा के लिए नूरपुर जसूर में जन-जातिय भवन का निर्माण होना अति आवश्यक है।

भरमौरी ने कहा कि गद्दी समुदाय के कुछ लोक सेवक एवं कर्मठ महानुभावों की काफी कोशिश एवं प्रयत्न के बाद दिनांक 23-01-2014 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने नूरपुर, जसूर जिला कांगड़ा में जन-जातिय भवन को स्वीकृत कर दिया था। जिसे पूर्व सरकार के वन मंत्री ने दिनांक 21-09-2017 को शिलान्यास भी कर दिया था। इस बिषय में समिति ने दिनांक 16/06/2020 को लिखित में दिया था। नुरपुर के लोक निर्माण विभाग ने कांग्रेस सरकार में पहले इस जगह को जसूर में अनुमोदित किया था। मगर सत्ता परिवर्तन के बाद भूमि का स्थानांतरण कर दिया।

अब विभागीय अधिकारी कहते हैं कि कहते हैं यह जगह ठीक नहीं है यदि यह जगह ठीक नही है तो हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन का कार्यालय एवं सब्जी मण्डी क्यो बनाई जा रही है। सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद जन-जातिय भवन, नूरपुर के निर्माण हेतु दिनांक 18-09-2017 को 2.50 करोड़ की धनराशि हिमाचल प्रदेश ने अनुमोदित/ मंजूर कर दी एवं जन-जातिय बिकास विभाग ने कांग्रेस सरकार में 18-09-2017 को 1.50 करोड़ की पहली किस्त हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग को भी दे दी गई एवं दिनांक 12/07/2019 को ठेकेदार को काम(कार्य) जन-जातिय भवन, नूरपुर का अवार्ड भी कर दिया (प्रतिलिपि संलग्न) कर दिया था। मगर खेद का विषय है लोक निर्माण विभाग के अधिकारी जन-जातिय लोगों से की सुविधा से जुड़े जन-जातिय भवन के कार्य करवाने में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं ।

केवल राजनीति के दवाब में रोड़ा अटका कर भवन कार्य को उलझान पैदा कर रहे हैं। 23-01-2014 से जन-जातिय भवन का कार्य अनुमोदित होने के बाद आज लगभग 6 बर्ष हो चुके हैं मगर हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग जन-जातिय लोगों की सुविधा के लिए जन-जातिय भवन का कार्य नहीं करवा कर रोडा अटका रहे हैं । मौजूदा सरकार ने इस भवन के निर्माण लिए तीसरी जगह भूमि चयनित की है। भवन तो बना नहीं लेकिन शिलान्यासों पर लोकनिर्माण विभाग नुरपुर लाखों रूपये खर्च कर चुका है।