ठंड और प्रदूषण के कारण ब्रेन स्ट्रोक का बढ़ जाता है खतरा : डॉ. अर्चिता महाजन

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

डॉ. अर्चिता महाजन टेड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने आज एक प्रैस विज्ञप्ति में बताया कि क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट के मुताबिक स्ट्रोक का रिस्क बढ़ाने के कई कारण होते हैं जैसे परिवार में किसी और को स्ट्रोक आने की हिस्ट्री बुढ़ापा हाई ब्लड प्रेशर लेवल सुस्त रहने और कसरत ना करने जैसी आदतों के कारण बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, स्मोकिंग और हार्ट वीमारी आदि लक्षण है। इन सब कारणों की वजह से लोगों में स्ट्रोक और मिनी स्ट्रोक जैसी स्थितियों का जोखिम बढ़ सकता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया कि धूम्रपान की तरह बढ़ते वायु प्रदूषण और तापमान में बढ़ोतरी से मस्तिष्क आघात का खतरा हो सकता है।

शोध में पहली बार वायु प्रदूषण और तापमान को ब्रेन हेमरेज के लिए जोखिम भरा पाया गया। ब्रेन हेमरेज की स्थिति तब बनती है जब दिमाग और इसे ढकने वाले टिशूज के बीच की नसों में खिंचाव पैदा होता है और वह उसे खिंचाव के कारण नसें फट जातीं हैं। इन नसो के खिंचाव होने के कई कारण होते हैं। रिसर्च में पता चला है कि वायु प्रदूषण के साथ-साथ बढ़ते तापमान की वजह से भी ब्रेन हेमरेज की सम्भावनाएं पनप सकती हैं। आज विश्व में ब्रेन स्ट्रोक से मौतों के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ठंड के कारण ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ने की वजहें ये हैं: ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है।धमनियां सिकुड़ जाती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है। खून में थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है। दिमाग की नसें फटने या उसमें ब्लॉकेज होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

संवाददाताः विनय महाजन

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