रेत व बजरी पर आजीविका कमाने वाले ट्रैक्टर चालकों पर गिरी गाज, सभी काम पडे ठप

Tractor drivers earning livelihood on sand and gravel fell on them, all work came to a standstill
रेत व बजरी पर आजीविका कमाने वाले ट्रैक्टर चालकों पर गिरी गाज, सभी काम पडे ठप

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
नूरपुर हल्के में स्थित चक्की उपनदी सारे जनपद के 80 फीसदी निर्माण कार्य के लिए रेत व बजरी मुहैया करवाती है तथा यहां रेत व बजरी इस क्षेत्र में स्थित अन्य सभी खंडों से बेहतर क्वालिटी का माना जाता है। उधर चक्की के बहाव क्षेत्र में स्थित खन्नी बेल्ट के विभिन्न स्थानों पर तथा इसके दूसरे किनारे पर स्थित पंजाब के हरियाणा क्षेत्र में दर्जनों स्टोन क्रेशर इकाइयां कार्यरत हैं।
इनमें कुछ एक के पास ही अवैध खनन के लिए उचित जमीन उपलब्ध है तथा अन्य स्टोन क्रेशरों के द्वारा कई किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैले चक्की उपनदी से अवैध ढंग से खनन करने के आरोप लगाते रहे हैं। प्रदेश के सीएम हाल ही में नूरपुर पधारे थे। तो उक्त क्षेत्र के एक प्रतिनिधि मंडल के द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई गई थी।

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अवैध खनन पर तो रोक लगी लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा खनन माफिया पर प्रभावी लगाम लगाए जाने के मकसद से चक्की उप नदी के बहाव क्षेत्र में पैनी नजर रखने के लिए 10 पुलिस जवानों व अधिकारियों की एक टीम को ही तैनाती की थी। इस टीम की तैनाती के बाद अवैध खनन पर तो लगाम लगी है लेकिन रॉयल्टी देकर रेत व बजरी भरकर इस जनपद के निर्माण कार्य करने वालों की मांग की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने लगी है।

इस कार्य को लेकर हो रहे भारी संख्या में ट्रैक्टर अब रेत, बजरी चक्की उपनदी में से चालान के बाद काम नहीं हो पा रहा है। खनन के लिए जरूरी औपचारिकता फार्म नंबर-5 होने पर ही उन्हें खनन की इजाजत दी जा रही है। अतः इस क्षेत्र से संबध रखने वाले पूर्व फौजी एवं समाजसेवी शिवू मन्हास का कहना है कि ट्रैक्टर चालक रोटी तो देते हैं लेकिन उन्हें इसका परिचय नहीं दिया जाता।

इस मुद्दे को लेकर इस इलाके में सभी ट्रैक्टर चालक बुधवार को बुदुही में एकत्रित होकर अगली रणनीति बनाएंगे। नूरपुर जिला पुलिस से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मदन कांत का कहना है कि खनन नियमों के तहत रॉयल्टी प्रदान करके रेत व बजरी खड से उठाया जा सकता है अन्यथा नहीं।

संवाददाताः विनय महाजन

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