पठानकोट से सुबह चार बजे चलने वाली रेलगाड़ी जल्द हो बहाल

विनय महाजन। नूरपुर

पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर कोरोना काल से पहले की समयसारिणी को बहाल करने की जोरदार मांग उठने लगी है। पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर सात रेलगाडिय़ां पठानकोट से जोगिंद्रनगर के लिए चलती हैं, जबकि सात रेलगाडिय़ां जोगिंद्रनगर से पठानकोट के लिए चलती हैं। उक्त रेलमार्ग पर अभी छह-छह रेलगाडिय़ां चल रही हैं। पठानकोट से सुबह चार बजे जोगिंद्रनगर को चलने वाली रेलगाड़ी अभी तक नहीं चल पाई है। लोगों ने कहा कि हमारे क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य सुविधा के लिए टांडा अस्पताल पर निर्भर करते हैं, जिनको सुबह चार बजे पठानकोट से चलने वाली रेलगाड़ी काफी सुविधाजनक है, क्योंकि यह रेलगाड़ी करीब दस बजे तक मरीजों को कांगड़ा में पहुंचा देती है। इस रेलगाड़ी से मरीज समय पर चिकित्सा सुविधा लेकर वापस आ जाते हैं, परंतु सुबह चार बजे चलने वाली रेलगाड़ी नहीं चल रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

बुद्धिजीवियों ने कहा कि पठानकोट से पहली रेलगाड़ी छह बजे जोगिंद्रनगर के लिए निकलती है, जो कि बाद दोपहर कांगड़ा में पहुंचाती है, जिससे मरीजों को वापस आने में कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। बुद्धिजीवियों ने कहा कि सुबह चार बजे चलने वाली रेलगाड़ी को जल्द ही बहाल करने की बात रेल मंत्रालय द्वारा कही गई थी, लेकिन अभी तक यह बहाल नहीं हो पाई है। अंग्रेजों के जमाने का 163 किलोमीटर लंबा निर्मित पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग हमेशा ही अनदेखी का शिकार रहता है, जबकि जिला कांगड़ा की अधिकतर पंचायतों के लोगों को आने-जाने के लिए यह रेलमार्ग सुविधाजनक है। इसके अलावा यह रेलमार्ग पंजाब को हिमाचल प्रदेश के साथ जोड़ता है।

इस रेल सेवा के बन्द होने से लोगों व पूर्व सैनिकों व सैनिकों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर उक्त ट्रैक के तहत आता जसूर स्थित रेलवे रोड नूरपुर स्टेशन जसूर , नूरपुर ,सल्या ली , सदबां , राजा का तालाब, गंगथ , इंदौरा आदि अनेक क्षेत्रों के लोगों का एक प्रमुख केंद्र है। इसलिए उक्त स्पैशल ट्रेन को जसूर स्थित स्टेशन पर ठहराव सुनिश्चित किया जाए ताकि लोग इस स्पैशल ट्रेन का लाभ ले सकें ।

इस रेलमार्ग से बाहरी राज्यों के श्रद्धालु व पर्यटक भी रेलगाड़ी से घूमते हुए पहुंचते हैं और जब गाडिय़ां बंद हो जाती हैं, तो श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में भी इस रेलमार्ग पर गाडिय़ों की आवाजाही बन्द होकर रह जाती है। लोगों ने रेल मंत्रालय से मांग की है कि पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर सारी ट्रेनें को पुरानी समयसारिणी से बहाल किया जाए तथा जल्द ही पठानकोट से सुबह चार बजे निकलने वाली टे्रन को भी शुरू किया जाए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके।