एस के शर्मा। बड़सर
कोरोना काल के चलते लोग अपने घरों में बन्द हैं, जबकि कंटेन्मेंट व बफ़र जोन वाले लोग हैंडपम्प तक पहुंचने के लिए बिल्कुल घरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं। हैरानी की बात है कि कुछ लोग संकट के इस समय भी सार्वजनिक व निजी नलों से पाइप के माध्यम से हजारों लीटर पेयजल अंडरग्राउंड टैंकों में स्टोर करने व क्यारियों को सींचने में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों पर कार्यवाही करते हुए बड़सर आईपीएच विभाग नें मंगलवार के दिन 10 कनेक्शन काटने के अलावा 2 टुल्लू पम्प ज़ब्त किये हैं। हैरानी की बात है कि कई लोगों ने गांवों में अंडरग्राउंड टैंक बना रखे हैं जोकि हमेशा पानी से भरे रहते हैं। बिना बारिश के पानी के ये कैसे भर जाते हैं विभाग को इसकी जांच तुरन्त प्रभाव से करनी चाहिए नहीं तो गर्मियों के मौसम में पेयजल किल्लत होने पर कुओं ,हैंडपम्पों पर लोगों का जमघट लगेगा जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी हो सकता है।
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लोगों का सवाल है कि अगर 30 से 40 हजार लीटर पानी एक एक व्यक्ति स्टोर करने लगेगा तो बाकी लोगों तक पेयजल कैसे पहुंच सकता है।लोगों का आरोप है कि ज्यादा पानी स्टोर करने वाले पेयजल का दुरुपयोग करते हैं जिन्हें रोकने की सख्त जरूरत है। उधर कनिष्ठ अभियंता आईपीएच पी एस दत्याल का कहना है कि पेयजल का दुरुपयोग करने वालों पर कार्यवाही करते हुए 10 कनेक्शन काटे गए हैं जबकि 2 टुल्लू पम्प जब्त किए गए हैं। उन्होंने अंडरग्राउंड टैंकों को सार्वजनिक या निजी नलों से भरने वालों को चेतावनी दी है कि यदि पकड़े गए तो बिना किसी पूर्व सूचना के कनेक्शन काट दिया जाएगा ।