उमर गौतम ने बढ़ाया काला कारोबार, 300 से अधिक लोगों के मिले दस्तावेज

उज्जवल हिमाचल। लखनऊ

उत्तर प्रदेश के साथ देश के सात अन्य राज्यों में हजार से अधिक लोगों का मतांतरण कराने के आरोपितों मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर को अपना काला कारोबार आगे बढ़ाने के लिए इस्लामिक देशों से भरपूर मदद मिली। उत्तर प्रदेश एटीएस की सात दिन की रिमांड पर दोनों आरोपित हर रोज नए राज खोल रहे हैं। एटीएस ने गुरुवार को उमर गौतम के लखनऊ के दो ठिकानों को खंगाला था। उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में हजार से अधिक लोगों का मतांतरण करने के मामले में लखनऊ से गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम पुत्र स्वर्गीय धनराज सिंह गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को काला कारोबार बढ़ाने में इस्लामिक देशों से लगातार मदद मिलती थी।

इनका लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों का मतांतरण करा इस्लाम धर्म की संख्या को बढ़ाना था। इसके लिए इस्लामिक देशों से काफी मदद भी मिली। उमर गौतम ने पूछताछ में ये भी बताया कि असम से सांसद अजमल बदाउद्द्दीन के कहने पर 2011 से 2012 के बीच दिल्ली में इस्लामिक दवाह सेंटर की स्थापना की गई। उमर गौतम तो अपने काम का प्रचार-प्रसार करने आठ से दस देशों में भी गया था। इस्लामिक देशों से मदद मिलने के मामले में इस्लामिक दवाह सेंटर से 600 से ज्यादा कागजात मिले हैं। दिल्ली में मतांतरण कराने वाले 150 लोगों कागजात मिले हैं। उत्तर प्रदेश में 160 से 180 के करीब सॢटफिकेट मिले हैं, जिसकी जांच जारी है। इन दोनों के गिरोह का जाल राजस्थान, बिहार, झारखंड, हरियाणा व आंध्र प्रदेश सहित अन्य 15 राज्यों तक फैला है।

लखनऊ से पकड़े गए मौलाना उमर के पास इस्लामिक देशों से मिले फंड से अरबों की संपत्ति भी है। इसकी जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम जांच में लगी है। गाजियाबाद के साथ ही नई दिल्ली की संपित्त का पता चला है। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर की संपत्ति के कागजों की जांच चल रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि मौलाना गाजियाबाद के किसी स्कूल में फंड देने का भी काम करता था। एटीएस अब मौलाना उमर के बैंक डिटेल्स को भी चेक कर रही है। मोहम्मद उमर गौतम ने कुल मिलाकर 33 हाई-क्वालिफाइड महिलाओं को भी इस्लाम कबूल कराया था। इनमें एक एमबीए छात्रा ने तो धर्म बदलने के लिए अपना घर-परिवार भी छोड़ दिया था। उत्तर प्रदेश एटीएस को ऐसी 33 महिलाओं की लिस्ट मिली है, जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है।

सभी महिलाएं हाई क्वालिफाइड हैं। उमर गौतम से धर्म बदलने उच्च शिक्षित सभी महिलाओं को शाइनिंग स्टार्स नाम दिया है। कानपुर के घाटमपुर की रहने वाली ऋचा अपना घर छोड़कर नोएडा शिफ्ट हो गई। प्रयागराज के एक मुस्लिम प्रोफेसर ने ऋचा का इस तरह से ब्रेनवॉश किया कि वह इस्लाम कुबूल करके माहीन अली बन गई। वह अपने परिवार से सभी रिश्ते तोड़कर नोएडा की एक बड़ी कंपनी में जॉब कर रही है। वह अपनी सैलरी हर महीने मस्जिद में दान दे रही है। परिवार का ऋचा के साथ दो वर्ष से कोई संपर्क ही नहीं है। परिवार का मोबाइल नंबर भी ऋचा ब्लैक लिस्ट कर दिया है।

उमर गौतम ने बताया कि दावत का यहभी मतलब है कि लोगों का दिल जीत लो। ईश्वर एक ही है वो भी खुदा ही है। मतांतरण के लिए सबसे पहले गीता पढ़ाया जाता है फिर कुरान पढ़ाते हैं फिर दोनों का अंतर बताया जाता है। इसके बाद धर्मग्रंथ गीता में कमियों को बताया जाता है। उसके बाद मुस्लिम ग्रंथ हदीश पढ़ाया जाता है। हदीश पढ़ाने के बाद पूरी तरह से ब्रेन वॉश किया जाता है और फिर लोगों को धीरे-धीरे इस्लाम के प्रति आकॢषत कर लिया जाता है।