राहत राशि को लेकर ग्रामीणों ने उठाए सवाल

मनीष ठाकुर। कुल्लू

कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश भर में जहां लोगों के द्वारा सरकार को राहत राशि भेजी जा रही है। वहीं, जिला कुल्लू से भी कई समाजसेवी संस्थाओं सहित पंचायत स्तर पर भी लोग इसमें अपना योगदान दे रहे हैं, लेकिन तेगु बेहड़ पंचायत में लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजी गई राशि को लेकर भी पंचायत प्रतिनिधियों पर सवाल उठाए हैं।

जिला कुल्लू के ग्राम पंचायत तेगुबहड़ में पंचायत स्तर पर भी लोगों ने कोविड-19 के लिए राशि एकत्रित की है, जिसके चलते अब ग्रामीणों ने भी पंचायत प्रतिनिधियों से उस राहत राशि के बारे में जानकारी मांगी है। ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड पंच के माध्यम से उन्होंने राशि मुख्यमंत्री राहत कोष को देने के लिए भेजी है, लेकिन अभी तक उस राशि का कोई हिसाब उन्हें नहीं मिल पाया है।

ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से आज पूरा देश लड़ रहा है और सरकार द्वारा बनाए गए राहत कोष में भी सभी लोग अपने-अपने हिसाब से राहत राशि जमा करवा रहे हैं, ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकारी तौर पर भी मदद मिल सके। उनका कहना है कि पंचायत में भी वार्ड पंच के माध्यम से घरों-घरों से लोगों ने सहयोग राशि दी है और उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में भी जमा करवाने का आग्रह किया गया था, लेकिन अभी तक उन्हें उस राशि की कोई रसीद भी नहीं मिल पाई है।

ग्रामीणों का कहना है कि यह है, पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वे जनता के पैसों को सही तरीके से मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं, ताकि वायरस से लड़ने में ग्रामीणों का भी योगदान दर्ज किया जा सके।

केहर सिंह, मीरा देवी व लाेगाें ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए पैसा इकट्ठा करके दिया है और पंचायत प्रतिनिधियों से मांग की है कि उस पैसे का हिसाब दिया जाए, ताकि सभी गांव वासियों को मालूम चले कि पैसा सही जगह पहुंचा है या नहीं। वहीं, वार्ड पंच प्रताप का कहना है कि उन्होंने अपने वार्ड से 8600 रुपए की राशि एकत्र की है और उसे पंचायत प्रधान को सौंप दिया गया है, लेकिन उन्हें इसकी रसीद नहीं मिल पाई है।

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वहीं, पंचायत प्रधान धनवीर ठाकुर का कहना है कि यह राशि उनके पास सुरक्षित हैं और पंचायत स्तर पर निर्णय लिया गया था कि सभी वार्डों से जब सारी राशि एकत्रित हो जाएगी, तो उसे ग्रामीणों की मर्जी के अनुसार ही मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजा जाएगा। जल्द ही पूरी पंचायत से राशि को एकत्र कर लिया जाएगा और उसे मुख्यमंत्री राहत कोष में भी भेज दिया जाएगा।