नूरपुरः- 22 अक्टूबर के मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व अधिकारियों से संबधिंत कोई भी फैसला नहीं लिया गया। इस प्रकार आशाओं के अनुरूप फैसला न आने से निरुत्साहित प्रदेश भर के राजस्व अधिकारियों ने आज एक बर्चुअल बैठक का आयोजन किया।
बैठक की शिरकत प्रदेश राजस्व अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष जय गोपाल शर्मा ने की। आज एक प्रैस नोट में शर्मा ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 22 तारीख बाद की रणनिति तय की गई और फैसला लिया गया कि हिमाचल प्रदेश के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं समस्त राजस्व अधिकारी आगामी 24 सितम्बर से 26 सितम्बर तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
अगर फिर भी प्रदेश सरकार ने पिछले पांच सालों की तरह हमारे वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार करना जारी रखा तो आगामी एक अक्टूबर से प्रदेश भर के राजस्व अधिकारियों को अनिश्चित काल के लिए सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उसके बाद होने वाले किसी भी परिणाम के लिए राजस्व अधिकारी जिम्मेवार नहीं होंगे।
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इतिहास साक्षी है कि सरकार की बहुत सी योजनाओं को आम जनता तक अनुपालन करवाने में राजस्व अधिकारी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। राहत और आपदा की घड़ी में मुसीबत में फंसे हुए लोगों तक राजस्व विभाग बिना सरकारी गाडी के जनता के सबसे पहले पहुंचते है।
क्षेत्रीय अग्निकांड होने की दिशा में, सड़क दुर्घटना, प्रोटोकॉल, भूस्खलन, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की में हम लोग बिना गाड़ी के सबसे पहले मौके पर पहुंचते है। कोविड काल में जब मृतकों के दाह संस्कार करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ तो राजस्व अधिकारियों ने शमशान घाट पहुंच कर यह कार्य किया।
इसके अतिरिक्त चुनाव से सम्बिधित कार्य, जनगणना कार्य, आबादी देह सीमांकन कार्य जलसा आम में इंतकाल का फैसला करना तथा सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण को गिराने का कार्य आदि करने के लिए एक राजस्व अधिकारी के पास गाड़ी का होना आवश्यक है। हमारी मूलभूत सुविधाओं को प्रदेश सरकार क्यों दरकिनार कर रही है।
संवाददाताः- विनय महाजन
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