महिलाओं ने मंडी की बोली मंडयाली में सुनाया गीता पाठ, सुनने वाले रह गए मंत्रमुग्ध

राज्यस्तरीय हिमाचल उत्सव में मंडयाली बोली में सुनने को मिला गीता पाठ

Women recited Gita recitation in Mandi's dialect Mandayali, the listeners were mesmerized

उज्जवल हिमाचल। मंडी

मंडी जिला मुख्यालय के संस्कृति सदन में जारी राज्यस्तरीय हिमाचल उत्सव (himachal festival) में मंडी की महिलाओं ने स्थानीय बोली मंडयाली में गीता पाठ सुनाकर सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस उत्सव में लोगों को अपनी प्राचीन संस्कृति और सभ्यता से अगवत करवाने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने मंडयाली गीता पाठ का आयोजन विशेष रूप से शामिल किया था। समारोह में एसपी मंडी सौम्या सांबशिवन बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहीं। बता दें कि साहित्य चूड़ामणी पुरस्कार से सम्मानित मंडी के दिवंग्त पंडित भवानी दत्त शास्त्री ने वर्षों पहले गीता पाठ का मंडयाली में अनुवाद किया था।

मंडी की महिलाओं के लिए उन्होंने ‘गीता श्रेणी’  के नाम से मंडयाली पाठ को पढ़ने और सुनाने का प्रयास शुरू किया था। शहर की बहुत सी महिलाएं इस गीता पाठ को पढ़ती और सुनाती हैं। हिमाचल उत्सव में शहर की इन प्रबुद्ध महिलाओं ने गीता पाठ के दूसरे अध्याय के 20 श्लोकों को मंडयाली में सुनाया। गीता पाठ करने वाली रूपेश्वरी शर्मा और दिवंग्त पंडित भवानी दत्त शास्त्री की पुत्रवधू चंपा शर्मा ने कहा कि गीता श्रेणी की सभी महिलाएं अपनी बोली को बढ़ावा देने और प्राचीन संस्कृति से सभी को अवगत करवाने की दिशा में प्रयास कर रही हैं।

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वहीं मंडयाली बोली में गीता पाठ सुनने के लिए आए लोग अपनी बोली में मंडयाली गीता पाठ को सुनकर खासे प्रभावित नजर आए। मंडी निवासी सरिता हांडा ने बताया कि अपनी बोली में गीता पाठ सुनने का अपना ही अलग मजा है। यह परंपरा इसी तरह से आगे बढ़ती रहनी चाहिए,जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी यह संस्कृति आगे पहुंचती रहे।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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