कोरोनाकाल में दुनिया ने देखा नाविकों का त्याग, सेवा व काम : कैप्टन संजय

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि कोविड-19 महामारी में दुनिया समुद्री नाविकों के त्याग, सेवा भावना और काम को देखा। जब इस वैश्विक महामारी के दौरान सब कुछ थम गया था, तब भी शिपिंग के जरिए 90 प्रतशत से अधिक का परिवहन जारी रहा, जिसमें महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति, भोजन और अन्य बुनियादी सामान शामिल था। पराशर ने वीरवार देर शाम चंडीगढ़ में अायोजित वर्ल्ड मेरीटाइम डे के अवसर पर सीफेर्ररस को संबोधित करते हुए कहा कि नाविक दुनिया की हर विपदा मेंं सहारा बने हैं और प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कोरोनाकाल तक का इतिहास इस बात का ग्वाह रहा है। कहा कि दुनिया एक सुरक्षित और कुशल अंतरराष्ट्रीय शिपिंग उद्योग पर निर्भर है।

  • वर्ल्ड मेरीटाइम डे पर नाविकों से जुड़े मुद्दों को उठाया पराशर ने

शिपिंग अंतरराष्ट्रीय परिवहन का सबसे कुशल और लागत प्रभावी तरीका है। यह विश्व स्तर पर परिवहन का एक भरोसेमंद और कम लागत वाला साधन प्रदान करता है। वाणिज्य की सुविधा प्रदान करता है और राष्ट्रों व लोगों के बीच समृद्धि बनाने में मदद करता है। लेकिन विडम्बना यह है कि नाविकों को जो मानवाधिकार और अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, उन पर बहुत काम होना शेष है। नाविकों को सरकार को की-वर्कज घोषित करना चाहिए। इसके लिए सभी संगठनों को मिलकर काम करना होगा और अपनी बात भी हर प्लेटफार्म पर रखनी होगी। पराशर ने कहा कि उन्होंने समय से नाविकों की समस्याओं पर काम किया है और विदेशों में फंसे नाविकों को सकुशल वतन वापसी में भी सहायता की। पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज के समक्ष उन्होंने नाविकों के हितों के लिए सरकार के सामने बात रखी। परिणाम यह हुआ कि सरकार ने भी नाविकों की कई समस्याओं का निराकरण किया, लेकिन अभी सफर लंबा है।

 

इसी संदर्भ में उन्होंने हिमाचल सीफेर्रस का भी गठन किया गया, जिसमें आठ हजार से ज्यादा हिमाचली नाविकों के हितों को लेकर काम किया जा रहा है। यह कार्यक्रम मर्चेंट नेवी ऑफिसर्ज एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया। इस मौके पर कैप्टन भाटिया ने पोत परिवहन मंत्रालय से नाविकों की की वर्कज का दर्जा देने की पैरवी की। वाइस एडिमिरल एचएस मलही ने कोरोनाकाल के संकट में सुमद्री नाविकों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में केजेएस सुलजाना, रियर एडमिरल संदीप, कैप्टन प्रभात निगम ने भी अपने विचार रखे तो हिमाचल सीफेर्रस एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कैप्टन विशाल ठाकुर ने किया।